कानपुर के घाटमपुर दोआब गांव की कहानी
नईदिल्ली: जहरीले सर्प किंग कोबरा का डसा हुआ व्यक्ति जिंदा नहीं रह पाता है। लेकिन इस जहरीले जीव के साथ पिछले 7 वर्षों से कानपुर के घाटमपुर (दोआब) की एक किशोरी 24 घंटे रहती है। वह इनसे बेइंतहा मोहबत करती है और इनके साथ खेलने के साथ ही चारपाई पर सोती भी है। इसी के चलते आसपास के गांव के ग्रामीणों ने किशोरी का नाम विषकन्या रखा हुआ है।
शहर से 45 किमी की दूरी पर स्थित घाटमपुर निवासी नाजनीन उर्फ काजल (13) पिछले 7 वर्षों से कोबारा प्रजाति के 6 सांपों के साथ रहती है। काजल के कोबरा सर्प के प्रेम के कारण उसके चर्चे पूरे क्षेत्र में हैं। काजल के पिता बताते हैं कि जब वह 6 साल की थी, तब दो कोबरा सर्प एकाएक उसकी गर्दन में लटक गए। हमलोगों ने भगाने का प्रयास किया पर कोबरा टस से मस नहीं हुए। हमने सपेरे को बुलाया और दोनों कोबरा प्रजाति के सांपों को उन्हें सौंप दिया। पर अगले दिन दोनों कोबरा सर्प सपेरे के पिंजड़े से भागकर काजल के पास आ गए और तभी से वह उसके साथ रहने लगे। इसी के बाद काजल का सांपों के प्रति प्रेम बढ़ने लगा।
काजल, कोबरा प्रजाति के 6 के सांपों के साथ 24 घंटे रहती है, पिछले 7 वर्षों से उन्ही के साथ खेलती, खाती, सोती और रोजाना दूध पिलाती है। काजल के सर्प प्रेम से उसके परिजन खासे परेशान है।
काजल ने सांपों के चलते पढ़ाई छोड़ दी। वह सुबह जगकर सबसे पहले कोबरा समेत अन्य सर्प के साथ घर के बाहर बैठ जाती है। उन्हें खुले में छोड़ देती है। काजल भोजन के उपरान्त रोजाना किंग कोबरा के साथ गांव में खेलने के लिए निकल जाती है। काजल बताती है कि कोबरा समेत सभी सांपों के जहरीले दांत हैं और उन्होंने न तो उसे और न ही किसी ग्रामीण को डंसा है।
घाटमपुर में अपने माता-पिता के साथ रह रही काजोल के दो भाई और छह बहनें हैं। काजल ने बताया कि उसके बाबा सपेरे थे। बाबा के निधन के बाद पिता ने सपेरे के कार्य के बजाए मजदूरी को अपनी रोटी का हथियार बना लिया। बाबा के पाले सर्प घर पर रहते थे। कोबरा से मैंने दोस्ती कर ली। कोबरा सांप मेरी रखवाली करते हैं। काजल की मां कहती हैं कि हमने बेटी को स्कूल भेजने का कोशिश, लेकिन उसने तो अनपढ़ ही रहने का जैसे हठ कर रखा है। रोजाना उसके दिन की शुरुआत ही किंग कोबरा ग्रुप के साथ होती है।
काजोल कहती है कि लोग सांपों से डरते क्यों हैं, ये तो अच्छे दोस्त हो सकते हैं। सर्प-विशेषज्ञ रामकिशोर बताते हैं कि सिर्फ स्पर्श से सांपों को अहसास हो जाता है कि उनको पकड़ने वाला दुश्मन नहीं, दोस्त है। वे ज्यादातर सांप पहाड़ी इलाकों से पकड़ कर लाते हैं और उनके जहरीले दांत तोड़ देते हैं। रही बात काजल के कोबरा सांपों की तो उनके भी जहरीले दांत सौ फीसदी तोड़े गए होंगे। वन विभाग टीम को मौके पर जाना चाहिए।
बिहार बंद का अरवल में दिखा असर अरवल, भारत वार्ता संवाददाता : संपूर्ण बिहार बंद… Read More
Bharat varta Desk आज भारत बंद है. केंद्रीय और क्षेत्रीय श्रमिक संगठनों से जुड़े 25 करोड़ से अधिक… Read More
Bharat varta Desk पुलिस ने गोपाल खेमका हत्याकांड में बड़ा खुलासा किया है. इस मामले को लेकर मंगलवार… Read More
Bharat varta Desk के उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई का कहना है… Read More
Bharat varta Desk बिहार के पूर्णिया से बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां अंधविश्वास… Read More
Bharat varta Desk बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत मतदाता सूची से लाखों नाम… Read More