
पटना: कोरोना संक्रमण प्रभावित हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इन दिनों क्वारंटीन में हैं। लेकिन उनके नाम से संचालित ट्विटर से धड़ाधड़ ट्वीट किए जा रहे हैं। ट्वीट ऐसा जिससे बिहार में एनडीए और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का टेंशन बढ़ रहा होगा। मांझी के ट्विटर से पहले किसान आंदोलन के समर्थन और साध्वी प्रज्ञा के बयान के विरोध में बातें लिखी गई। उसके बाद प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को मांझी ने ट्विटर पर पुत्र समान बिहार का युवा नेता बताया। और अब उन्होंने बिहार शराबबंदी को सवाल उठाते हुए अपने कुछ डिमांड रखा है।
जीतनराम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग किया है कि शराबबंदी कानून के तहत छोटे-मोटे जुर्म में जेल में बंद लोगों को जमानत दिलाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराइए। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शराबबंदी क़ानून को सख़्ती से लागू करने के लिए बधाई देते हुए अनुरोध कि वैसे गरीब जो शराबबंदी क़ानून के तहत छोटी गलती के लिए तीन महीने से जेल में बंद हैं उनके जमानत की व्यवस्था सुनिश्चित करवाएं। उनके परिवार के मुखिया के जेल में बंद रहने के कारण उनके बच्चे भूखें हैं।
मांझी के ट्वीट के बाद सियासी गलियारे में एक बार और हलचल तेज हो गई है। राजनीतिक चर्चाओं के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी बिहार की एनडीए सरकार और केंद्र की सियासत में कद और अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने को लेकर ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं।
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