Oplus_131072
Bharat varta desk
सुप्रीम कर्ट ने आज अपने महत्वपूर्ण फसले में को टा के अंदर कोटा को मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट के 7 न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि अब अनुसूचित जातियों का उप-वर्गीकरण अनुसूचित जाति श्रेणियों के भीतर अधिक पिछड़े लोगों के लिए अलग से कोटा प्रदान करने के लिए स्वीकार्य है। कोर्ट ने कहा कि अब राज्य सरकार पिछड़े लोगों में भी अधिक जरूरतमंदों को फायदा देने के लिए सब कैटेगरी बना सकती है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की सात न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ ने जस्टिस बीआर गवई, विक्रम नाथ, बेला एम त्रिवेदी, पंकज मिथल, मनोज मिश्रा और सतीश चंद्र शर्मा के साथ ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश राज्य के 2005 के फैसले को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि एससी/एसटी का उप-वर्गीकरण संविधान के अनुच्छेद 341 के विपरीत है, जो राष्ट्रपति को एससी/एसटी की सूची तैयार करने का अधिकार देता है।
जस्टिस बेला त्रिवेदी ने बहुमत से असहमति जताई और फैसला सुनाया कि इस तरह का उप-वर्गीकरण स्वीकार्य नहीं है।
पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा, “एससी/एसटी के सदस्य अक्सर व्यवस्थागत भेदभाव के कारण आगे नहीं बढ़ पाते हैं। अनुच्छेद 14 जाति के उप-वर्गीकरण की अनुमति देता है। न्यायालय को यह जांचना चाहिए कि क्या कोई वर्ग समरूप है या किसी उद्देश्य के लिए एकीकृत नहीं किए गए वर्ग को और वर्गीकृत किया जा सकता है।”
Bharat varta Desk केंद्र सरकार ने बुधवार (30 अप्रैल 2025) को देशभर में जातीय जनगणना… Read More
Bharat varta Desk सरकार ने बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) का पुनर्गठन किया… Read More
Bharat varta Desk मुंबई पुलिस को नया पुलिस कमिश्नर मिल गया है। भारतीय पुलिस सेवा… Read More
Bharat varta Desk बिहार कैडर की 1989 बैच की आईएएस अधिकारी सुजाता चतुर्वेदी भारतीय संघ… Read More
Bharat varta Desk झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स के निदेशक डॉ राजकुमार को… Read More
Bharat varta Desk मन की बात के 121वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश-दुनिया को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने… Read More