Bharat varta desk:
संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी द्वारा चयनित आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के कामकाज पर लोग पिछले कुछ सालों से लगातार सवाल उठा रहे हैं। यहां तक कि केंद्र सरकार के कई मंत्रियों ने भी समय-समय पर आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की कार्यशैली में सुधार लाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। लेकिन पिछले दिनों केंद्र सरकार के एक मंत्री ने इन अधिकारियों की आलोचना करने में सारी हदें पार कर दी।
विश्वेश्वर टुडु ओडिशा के मयूरभंज से बीजेपी के सांसद हैं और जुलाई, 2021 से केंद्र में आदिवासी मामले और जल शक्ति राज्य मंत्री हैं। बिश्वेश्वर टुडू ने कह दिया है कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के जरिए नियुक्त कई अधिकारी ‘डकैत’ हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि एक ‘मुर्गी चोर’ को दंडित किया जा सकता है जबकि एक अधिकारी, जो खनिज माफिया चलाता है उसे छू तक नहीं सकते हैं क्योंकि सिस्टम उसकी रक्षा करता है.
टुडू ने शनिवार को बालासोर जिले के बलियापाल में एक सरकारी स्कूल के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए यह बयान दिया है।
उन्हें सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर शेयर किए गए एक वीडियो में विवादित बयान देते हुए सुना गयाहै. हालांकि अभी तक वीडियो की प्रामाणिकता की जांच नहीं की जा सकी है.
टुडू ने कहा, मुझे इस बात का अंदाजा था कि जिन्हें यूपीएससी के माध्यम से नियुक्त किया जाता है … वे सबसे अधिक जानकार व्यक्ति होते हैं और हमेशा उच्च पदों पर आसीन होते हैं. लेकिन अब मुझे लगता है कि जो लोग वहां से क्वालिफाई हुए हुए हैं उनमें से ज्यादातर डकैत हैं. मैं 100 फीसदी नहीं कह सकता, लेकिन उनमें से कई डकैत हैं.
ओडिशा से सांसद टुडू ने कहा कि यूपीएससी कार्यालय दिल्ली में उनके आवास के ठीक पीछे है और शुरू में वह इसके प्रति उनका बहुत सम्मान था लेकिन अब यह बदल गया है.अपने भाषण के दौरान, केंद्रीय मंत्री ने सवाल करते हुए कहा, ‘अगर ऐसे शिक्षित लोग हैं तो हमारा समाज भ्रष्टाचार और अन्याय में क्यों डूबा हुआ है?’ उन्होंने अपने सवाल का जवाब भी खुद ही दिया और कहा, ‘यह हमारी शिक्षा प्रणाली में नैतिकता की कमी की वजह से हो रहा है. हमारे बीच आध्यात्मिक शिक्षा और विचारों का अभाव है.’
अधिकारी पर हमला कर हाथ तोड़ने का मंत्री पर लग चुका है आरोप
टुडू ने 2021 में मयूरभंज में अपने निर्वाचन क्षेत्र में राज्य सरकार के अधिकारियों पर उनके साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाकर विवाद खड़ा कर दिया था. यह पहली बार नहीं है जब टुडू विवादों से घिरे हों. जनवरी 2022 में केंद्रीय मंत्री विश्वेश्वर टुडु पर एक सरकारी अधिकारी ने आरोप लगाया है कि समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने उन पर हमला कर दिया और मार कर उसका हाथ तोड़ दिया. अधिकारी के हाथ का बैंडेज कराया गया है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
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