टीएमबीयू की अजब- गजब कहानी, नियुक्ति के बाद कहां रह गए ‘वीसी’ और ‘प्रो-वीसी’
भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) की अजब-गजब कहानी है। रामधारी सिंह दिनकर ने इस विश्वविद्यालय के छठे कुलपति के पद को सुशोभित करने का अवसर मिला था। भागलपुर विश्वविद्यालय कभी दिनकर के नाम से देश में जाना जाता था। लेकिन अब इस विश्वविद्यालय का हाल यह हो गया है कि इसे कुलपति ही नहीं मिल रहा। राजभवन ने लगभग 2 महीने पहले कुलपति और प्रति-कुलपति की नियुक्ति तो कर दी, लेकिन दोनों ने आज तक यहां कार्यभार ही नहीं संभाला है। स्थिति यह बन गई कि राजभवन को मजबूरी में इसी विश्वविद्यालय के एक कॉलेज के प्राचार्य को प्रभारी कुलपति नियुक्त करना पड़ा है। यह विश्वविद्यालय सालों से प्रभार के सहारे खिसक रहा रहा है।
कहां खो गए वीसी और प्रो-वीसी
19 सितंबर 2020 को राजभवन ने एक अधिसूचना जारी कर प्रो. नीलिमा गुप्ता को तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय का कुलपति (वीसी) और प्रो. हेमंत कुमार को प्रति-कुलपति (प्रो-वीसी) नियुक्त किया था लेकिन आज तक दोनों यहां कार्यभार संभालने नहीं आए। कुलपति बनाई गई डॉ. नीलिमा गुप्ता वर्तमान में छत्रपति साहूजी महराज विश्वविद्यालय, कानपुर में कुलपति के रूप में कार्यरत हैं। प्रति-कुलपति प्रो. रमेश कुमार एलएन कॉलेज भगवानपुर, मुजफ्फरपुर के प्राचार्य हैं। दोनों तीन वर्षों के लिए नियुक्त किए गए हैं। लेकिन उन्होंने अभी तक भागलपुर आ कर काम क्यों नहीं शुरू किया, यह बताने वाला कोई नहीं है। लोग इसे उच्च शिक्षा में अराजक स्थिति का संकेत बता रहे हैं। बता रहे हैं कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था।
सालों से प्रभार की कहानी
सितंबर 2019 में शांति निकेतन के प्रो. वीसी झा को राजभवन ने टीएमबीयू का स्थाई कुलपति नियुक्त किया था लेकिन 3 महीने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। उसके बाद बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा के कुलपति प्रो. एके राय को यहां का प्रभारी कुलपति नियुक्त किया गया। जब वे सेवानिवृत्त हो गए तो बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति प्रो. अजय कुमार सिंह को प्रभारी कुलपति नियुक्त किया गया। उन्होंने एक सप्ताह पहले इस्तीफा दे दिया तो राजभवन ने टीएनबी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय कुमार चौधरी को प्रभारी कुलपति नियुक्त किया। विश्वविद्यालय से जुड़े लोग और प्रोफेसर बताते हैं कि प्रभारी कुलपति को केवल रूटिन काम करने का अधिकार है। इससे विश्वविद्यालय के जरूरी काम बाधित हो रहे हैं।
कुलपति एनके झा की हो गई थी मौत
प्रो. वीसी झा के पहले भी महीनों तक इस विश्वविद्यालय में प्रभारी कुलपति रहे क्योंकि उसके पहले प्रो. एनके झा स्थाई कुलपति बनाए गए थे मगर कुछ महीनों काम करने के बाद हृदय गति रुक जाने के कारण का निधन हो गया था। उसके बाद महीनों तक प्रभारी कुलपति के सारे काम चला। प्रोफेसर एनके झा की भांति पहले भी काफी समय तक यहां प्रभारी कुलपति ही रहे।
Bharat varta Desk शक्ति दुबे ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2024 में शीर्ष स्थान प्राप्त… Read More
Bharat varta Desk प् उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार की देर रात 33 आईएएस अफसरों… Read More
वंदे भारत, नमो भारत और अमृत भारत का संगम बनेगा बिहार Bharat Varta Desk :… Read More
Bharat varta Desk कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में निधन… Read More
Bbharat varta Desk कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओम प्रकाश गुप्ता की हत्या ने… Read More
Bharat varta Desk वक्फ कानून को लेकर गुरुवार को दूसरे दिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई… Read More