पटना : IFS अधिकारी सुभाष गुप्ता की पुस्तक अनवरत इश्क का लोकार्पण
- कवि सुभाष गुप्ता की कविताओं में देशभक्ति के इश्क का रंग सबसे गहरा
- हरदम मंजिलों पर… तिरंगा का निशान रखते हैं
पटना, भारत वार्ता संवाददाता : भारतीय विदेश सेवा के वरिष्ठ अधिकारी तथा युवा कवि-शायर सुभाष गुप्ता की नई पुस्तक अनवरत इश्क का लोकार्पण एवं पुस्तक विमर्श कार्यक्रम का आयोजन बिहार खादी मॉल सभागार में किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पद्मश्री किसान चाची राजकुमारी देवी, टिकुली आर्ट के वरिष्ठ पेंटर पद्मश्री अशोक विश्वास सहित शहर के प्रमुख बुद्धिजीवी लेखक कलाकार आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का आयोजन सामाजिक सांस्कृतिक संस्था सामयिक परिवेश और नवगीतिका लोक रसधार द्वारा किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में सभी गणमान्य अतिथियों द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया। सभी अतिथियों का स्वागत और विषय प्रवेश करते हुए सामयिक परिवेश की राष्ट्रीय अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार ममता मेहरोत्रा ने कहा कि सुभाष गुप्ता विदेश सेवा में रहने के साथ-साथ रचनात्मक गतिविधियों से लगातार जुड़े रहे हैं। अनवरत इश्क उनकी तीसरी पुस्तक है। इससे पहले अनवरत सफर और अनवरत मौसम के माध्यम से वह साहित्यिक जगत में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुके हैं। तुर्की सूडान और आस्ट्रिया सहित अनेक देशों में काम कर चुके सुभाष गुप्ता सूरीनाम में भारत के राजदूत नामित किए गए हैं। मूलतः बिहार के रहने वाले सुभाष गुप्ता के सूरीनाम में भारत के राजदूत नामित किए जाने से पूरे बिहार का गौरव बढ़ा है।
कार्यक्रम में कवि सुभाष गुप्ता ने अपने तीसरे कविता संग्रह अनवरत इश्क की कई कविताओं का पाठ किया जिनमें उन्होंने इश्क के अलग-अलग रंग बिखेरे। देश की माटी से जुड़ी कविताओं में जो इश्क का रंग दिखा उसे पर श्रोताओं ने सबसे ज्यादा वाहवाही की।
होठों पर कौमी तराने
हर दिल में ईमान रखते हैं
हमवतन सर पे कफन
हाथों में जान रखते हैं।
फख्र है जमहूरियत के
सालगिरह के जश्न का
हरदम मंजिलों पर
तिरंगा का निशान रखते हैं।
कार्यक्रम में वरिष्ठ कवयित्री भावना शेखर ने कहा कि सुभाष गुप्ता की रचनाएं देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत हैं। उन्होंने देश का परचम धरती के हर कोने में लहराया है। उनकी कविताओं में इसके कई रंग है लेकिन देशभक्ति का रंग सबसे ज्यादा गहरा है। किसान चाची ने कहा कि सुभाष गुप्ता जी ने बिहार का नाम रोशन किया है। वरिष्ठ साहित्यकार शिवदयाल ने भी कवि सुभाष गुप्ता को उच्च कोटि का रचनाकार बताया। पद्मश्री अशोक विश्वास ने कहा कि काव्य कला है या चित्रकला, अभिव्यक्ति के ये सशक्त माध्यम हैं। दूसरा सत्र कविताओं को समर्पित रहा। डॉ शिवनारायण की अध्यक्षता और सिद्धेश्वर के संचालन में आयोजित काव्य गोष्ठी में समीर परिमल, नसीम अख्तर, रूबी भूषण, मधुकर मिश्रा, ममता राज प्रिया, पंकज प्रियम, राहुल कुमार, निशांत, अविनाश बंधु, आदि ने अपनी कविताओं का पाठ किया।