
Report by : Rishikesh Narayan
पुस्तक समीक्षा @ डॉ. ऋषिकेश : भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2002 बैच के अधिकारी डॉ मनीष रंजन वर्तमान में झारखंड सरकार में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने झारखंड में विभिन्न जिलों में उपायुक्त-सह-जिला कलेक्टर के रूप में सफलतापूर्वक काम किया है। पुस्तक लेखन के जुनून ने उन्हें चर्चित बना दिया है। उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए कई पुस्तकें लिखी हैं। सिविल सेवा एप्टीट्यूड टेस्ट, बिहार सामान्य ज्ञान व झारखंड सामान्य ज्ञान। प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित “2022 – झारखंड सामान्य ज्ञान” लेखक की यह नवीन संस्करण आयी है। सिविल सेवा परीक्षा में देशभर में चौथा स्थान हासिल होने से लेखक का बहुपठित होना तो स्वाभाविक है पर इस पुस्तक से गुजरने के बाद ये साफ दिखता है कि वे सुपठित शब्दशिल्पी भी हैं। उन्होंने ज्ञान का अर्जन ही नहीं किया है बल्कि उसे जज़्ब भी किया है। नेतरहाट से स्कूली शिक्षा एवं पटना कॉलेज, पटना तथा हिंदू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की। IRMA, गुजरात से एम.बी.ए. करने के बाद उन्होंने मैनेजमेंट स्टडीज में पी-एच.डी. की उपाधि हासिल की। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, इंग्लैंड, जॉन्स हापकिंस यूनिवर्सिटी, अमेरिका, फ्रैंकफर्ट स्कूल ऑफ फाइनेंस एंड मैनेजमेंट, जर्मनी, इंटरनेशनल ट्रेनिंग सेंटर, तुरीन, इटली एवं कोरिया डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, दक्षिण कोरिया में अध्ययन किया।
लेखक डॉ. मनीष रंजन द्वारा प्रस्तुत पुस्तक “2022 – झारखंड सामान्य ज्ञान” प्रतियोगिता परीक्षा के पाठ्यक्रमों को ध्यान में रखकर लिखा गया है। विशेषकर, इस पुस्तक के माध्यम से JPSC, JSSC व JTET समेत अन्य प्रतियोगिता परीक्षा के प्रतियोगियों को प्रमाणिक एवं स्तरीय पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने का सार्थक प्रयास है। आगामी 19 सितंबर को होने वाली झारखंड लोक सेवा आयोग सिविल सेवा परीक्षा में यह पुस्तक प्रतिभागियों के लिए सार्थक सिद्ध हो सकती है। यह पुस्तक झारखंड के विषय में संपूर्ण जानकारी देती है। झारखंड में वर्तमान में हुए विकास और परिवर्तन की तर्कपूर्ण एवं रोचक प्रस्तुति इसे विशिष्ट बनाती है। इस पुस्तक में ज्ञानवर्द्धक तथ्यों के साथ-साथ एक विचारपरक व्याख्या भी प्रस्तुत है, जिससे यह पुस्तक न केवल प्रतिभागियों की दृष्टि से अपितु शोधकों, अध्यापकों और पाठकों के झारखंड दिग्दर्शन हेतु पूर्णतया उपयोगी और पठनीय है। कुल मिलाकर यह पुस्तक प्रतियोगिता परीक्षा में जुटे छात्रों के लिए गागर में सागर के समान है।
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