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लखनऊ : CRPF के स्थापना दिवस पर DIG सुनील कुमार ने जवानों को किया संबोधित

लखनऊ संवाददाता : केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 86 लवें स्थापना दिवस के अवसर सुनील कुमार, उप महानिरीक्षक, मध्य सेक्टर मुख्यालय, सीआरपीएफ की अध्यक्षता में मध्य सेक्टर मुख्यालय, सीआरपीएफ, गोमतीनगर, लखनऊ के प्रांगण में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। स्थापना दिवस के इस भव्य समारोह में मध्य सेक्टर मुख्यालय के सभी राजपत्रित अधिकारीगण, अधीनस्थ अधिकारीगण एवं अन्य सैनिक शामिल हुए।
उप महानिरीक्षक सुनील कुमार ने सीआरपीएफ के स्थापना दिवस पर सीआरपीएफ के शौर्य, पराक्रम, वीरता, बहादुरी एवं बलिदानों के अन्नय कीर्तिमानों की संक्षिप्त स्वर्णिम इतिहास से सभी को अवगत कराते हुए कहा कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की स्थापना 27 जुलाई 1939 को CROWN REPRESENTATIVE POLICE के रूप में नीमच (मध्य प्रदेश) में 01 बटालियन के रूप में देशी रजवाड़ों में कानून एवं व्यवस्था बनाये रखने के उद्देश्य से की गयी थी। देश की आजादी इस बल के लिए भी एक बड़ा परिर्वतन लेकर आयी और 28 दिसम्बर 1949 को एक अधिनियम के तहत इसका नाम CENTRAL RESERVE POLICE FORCE यानी केन्द्रीय रिजर्व पुलिस कर बल दिया गया। 19 मार्च 1950 को भारत के तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल, जो कि लौहपुरूष के नाम से भी जाने जाते हैं ने दिल्ली में हुए एक भव्य समारोह में इस बल को ध्वज प्रदान किया तथा सीआरपीएफ को देश के अन्दर सुरक्षा के लिए पैदा होने वाले खतरों के समय स्थायित्व लाने वाले तत्व के रूप में परिभाषित किया था। सीआरपीएफ के साथ-साथ सम्पूर्ण भारतीयों के लिए भी गर्व की बात है कि सीआरपीएफ अपने कार्य के प्रति समर्पण एवं सेवा भक्ति के कारण 01 बटालियन से स्थापित होकर आज 04 जोन, 19 प्रशासनिक सेक्टर, 02 परिचालनिक सेक्टर, 01 आर.ए.एफ. सेक्टर, 01 कोबरा सेक्टर, 35 प्रशासनिक रेंज, 03 आर.ए.एफ. रेंज, 01 कम्यूनिकेशन रेंज, 17 परिचालनिक रेंज, 43 ग्रुप केंद्र, 23 प्रशिक्षण संस्थान, 22 संयुक्त अस्पताल (04 Hosp. 100 बिस्तर व 18 Hosp. 50 बिस्तर ), 03 केंद्रीय हथियार भंडार, 07 सिगनल बटा., 16 आरएएफ बटा., 10 कोबरा बटा., 06 महिला बटा., 05 वी.आई.पी. बटा., 01 विशेष ड्यूटी बटा., 01 पीडीजी तथा 202 सामान्य बटा., कुल 248 बटालियनों के बेड़े के साथ आज देश ही नहीं बल्कि विश्व के सबसे बड़े सशस्त्र बल के रूप में स्थापित हो चुका है।
सुनील कुमार ने कहा कि सीआरपीएफ देश की अभेद्य सुरक्षा एवं शांति के विभिन्न आयामों की कसौटी पर हमेशा खरा उतरा है। सीआरपीएफ ने सौंपी गयी प्रत्येक जिम्मेदारी चाहे वह जम्मू-कश्मीर में फैले आतंकवाद को खत्म करने की चुनौती हो, नार्थ ईस्ट में व्याप्त उग्रवाद से लड़ने की चुनौती हो, उग्रवाद प्रभावित (LWE) राज्यों में जड़ जमा चुके नक्सलवाद को उखाड़ फेंकने की चुनौती हो, राज्यों की कानून-व्यवस्था को बनाये रखने की चुनौती हो, धार्मिक उन्माद फैलाने वाली देशद्रोही ताकतों को रोकने की चुनौती हो, देश में शान्तिपूर्ण चुनाव कराने की चुनौती हो या फिर प्राकृतिक आपदा का मामला हो सीआरपीएफ ने हर चुनौती को हमेशा स्वीकार कर अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी पूरी सिद्दत के साथ निभाया है और जिम्मेदारी के मार्ग पर आने वाली चुनौतियों का सामना करने में अपनी जान एवं परिवार की परवाह न करते हुए हर चुनौती का डटकर मुकाबला किया व विघटनकारी ताकतों का दमन करते हुए अपने शौर्य और पराक्रम का कीर्तिमान स्थापित किया है।
सुनील कुमार ने कहा कि सीआरपीएफ ने देश के अतिरिक्त विश्व स्तर पर संयुक्त राष्ट्र मिशन के अधीन अन्य देशों में भी शांति स्थापित करने हेतु अपनी सेवाएं दे रही है। शौर्य, साहस, पराक्रम एवं सद्भावना की परिचायक केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल ने अपनी बहादुरी और सेवा भक्ति से जो स्वर्णिम कीर्तिमान स्थापित किया है वह शायद ही किसी अन्य पुलिस बल ने अर्जित किया हो। सीआरपीएफ ने 21 अक्टूबर 1959 में HOT SPRING, LADDAKH में CHINA के खिलाफ अपना पराक्रम दिखाया था जिसे सारा देश POLICE COMMEMORATION DAY के रूप में मनाता है।
उन्होंने कहा कि 9 अप्रैल 1965 को पाकिस्तानी ब्रिगेड के अटैक को विफल कर 34 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया व 04 सैनिकों को बंधक बनाया। जिसे सीआरपीएफ ‘शौर्य दिवस’ के रूप में मनाती है। इसी प्रकार सीआरपीएफ ने पंजाब और श्रीलंका में शांति बहाल करने में अपनी अहम भूमिका निभाई तथा वर्ष 2001 में पार्लियामेंट व वर्ष 2005 में अयोध्या अटैक को विफल कर देश की इज्जत रखी। जम्मू & कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने एवं राज्य विभाजन के उपरान्त उत्पन्न प्रतिकूल स्थिति को सीआरपीएफ ने पूरी तरह से नियंत्रित करने में अग्रणी भूमिका निभाई जिसके कारण किसी भी प्रकार की हिंसा आदि की घटना नहीं हुई।
सीआरपीएफ के 86वें स्थापना दिवस के इस अवसर पर उप महानिरीक्षक सुनील कुमार ने बल के उन समस्त वीर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उन्हें कोटि-कोटि नमन किया जिन्होने देश की एकता, अखण्डता एवं शांति की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देकर शहीद हो गये।
सीआरपीएफ स्थापना दिवस के इस पावन दिवस पर उप महानिरीक्षक ने बल के समस्त सदस्यों के साथ-साथ उनके परिवारजनों से भी आग्रह किया कि हम सभी मिलकर पूरे हर्षो-उल्लास के साथ इस दिवस को सेलिब्रेट करें तथा राष्ट्र की एकता, अखण्डता एवं संविधान की मर्यादा को अक्षुण बनाये रखेंगे ताकि समाजिक सद्भाव एवं राष्ट्र के विकास को गति मिले।
अपने संबोधन के अंत में उप महानिरीक्षक सुनील कुमार ने स्थापना दिवस समारोह में उपस्थित समस्त राजपत्रित अधिकारियों, अधीनस्थ अधिकारियों एवं अन्य सैनिकों एवं उनके समस्त परिवारजनों को सीआरपीएफ स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई देते हुए सभी के उज्जवल भविष्य के लिए शुभाकामनाएं दी।

Dr Rishikesh

Editor - Bharat Varta (National Monthly Magazine & Web Media Network)

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