जेल में अपराधी नहीं कर सकेंगे मोबाइल से बात, बयान से पलटने वाले पुलिस वाले होंगे बर्खास्त : डीजीपी विनय कुमार

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गृह विभाग का दावा – कंट्रोल में है कानून व्यवस्था

पटना : बिहार में डीजीपी की कुर्सी संभालते ही विनय कुमार पूरे एक्शन में हैं। डीजीपी विनय कुमार ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता की, जहां उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए गृह विभाग की उपलब्धियों और योजनाओं के बारे में जानकारी दी। डीजीपी के साथ इस मौके पर गृह विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी और बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी कुंदन कृष्णन भी मौजूद थे।

अब जेल में अपराधी नहीं कर सकेंगे मोबाइल से बात

डीजीपी ने ये बताया कि अब जेल में बंद अपराधी मोबाइल से बात नहीं कर सकेंगे। गृह विभाग इसे रोकने की तैयारी में जुटा है। गृह विभाग में राज्य के जेलों में बंद कैदियों को अनाधिकृत रूप से मोबाइल फोन करने से रोकने के लिए “टावर ऑफ हॉर्मोनियस कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम ” ( T-HCBS) का अधिष्ठापन पर कारवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। गृह विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने कहा कि टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो गई है जल्द सभी जेलों शुरू हो जाएंगे।

बयान से पलटने वाले पुलिस वाले होंगे बर्खास्त

डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि स्पीडी ट्रायल में तेजी लाने को लेकर प्रयास तेज कर दिए गए हैं। इसके लिए सबसे पहले को-ऑडिनेशन बनाने की जरूरत है। पुलिस, अभियोजन और ज्यूडिसियरी में आपसी तालमेल का होना बेहद जरूरी है। इसके लिए तीनों विंग का संयुक्त वर्कशॉप कराया जायेगा। गवाह सुरक्षा को लेकर काम किया जायेगा। इतना ही नहीं बयान से पलटने वालों पर भी सख्ती बरती जायेगी। खासकर पुलिस के गवाह जो सरकारी गवाह होते हैं, वे भी कोर्ट में पलट जाते हैं। वैसे पुलिस अधिकारियों पर सख्ती बरतने का प्लान बनाया गया है जो न्यायालय में अपने बयान से पलट जाते हैं। कोर्ट में बयान से पलटने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी है। डीजीपी ने बताया कि जिला स्तर पर स्पीडी ट्रायल सेल को और सशक्त बनाया जाएगी। डेडिकेटेड इंस्पेक्टर की तैनाती की जाएगी, साथ ही वाहन दिए जायेंगे। यह सेल गवाहों को सुरक्षित कोर्ट तक पहुंचाने का काम करेगा। पुलिस मुख्यालय में भी स्पीडी ट्रायल सेल में जिम्मेदार अधिकारी तैनात किए जाएंगे।

गृह विभाग का दावा – कंट्रोल में है कानून व्यवस्था

गृह विभाग द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में बिहार पुलिस की उपलब्धियों का बखान करते हुए यह दावा किया गया कि बिहार में कानून व्यवस्था कंट्रोल में है। बताया गया कि बिहार में अपराध के ग्राफ में गिरावट आई है।
वर्ष 2024 में बिहार पुलिस ने तीन लाख से भी अधिक लोगों को विभिन्न मामलों में गिरफ्तार किया तो इसके साथ ही 4861 अवैध हथियार और 22632 कारतूस भी बरामद की।
इतना ही नहीं बिहार पुलिस ने 165 देशी बम के साथ 604 डेटोनेटर भी बरामद की है। बिहार में आये दिन अवैध गन फैक्ट्री की बातें सामने आती है तो बिहार पुलिस ने कार्रवाई करते हे 83 अवैध लघु बंदूक कारखाना का भी उद्भेदन किया है। बिहार पुलिस की तरफ से जारी आंकड़ा के अनुसार राज्य में पिछले वर्षों की तुलना में डकैती के मामले में 15.36 प्रतिशत, चोरी के मामले में 5.93 प्रतिशत और दंगा में 15.82 प्रतिशत की कमी आई है। इसके साथ ही बिहार विशेष कार्यबल ने नक्सलियों के विरुद्ध भी बड़ी कामयाबी हासिल की है।इधर विशेष कार्यबल ने वर्ष 2024 में नवंबर तक में 120 नक्सलियों को दबोचा है जबकि 246 कारतूस के साथ 134 किलो विस्फोटक, 554 डेटोनेटर, 146 बारूदी सुरंगें भी बरामद किये हैं। इसके साथ ही एसटीएफ ने वर्ष में पांच अपराधी जिसमें चार पर इनाम भी घोषित था को मुठभेड़ में मार गिराया और 787 अपराधियों को गिरफ्तार भी किया है। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई और साइबर सेल ने भी आर्थिक और साइबर क्राइम को कंट्रोल करने में कई सफलताएँ हासिल की है।
साइबर फ्रॉड के मामले में राज्य में 13403 मोबाइल नंबर और 4804 IMEI को ब्लाक किया है। प्रेस वार्ता में बताया गया कि आर्थिक अपराध इकाई की गठित सोशल मीडिया मॉनिटरिंग एवं पेट्रोलिंग यूनिट सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफ़ॉर्म पर निगरानी रख रही है और अब तक कुल 419 विवादित, भ्रामक, आपत्तिजनक पोस्ट, फर्जी प्रोफाइल के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी है। ईओयू ने अब तक आय से अधिक संपत्ति मामले में 26 मामलों में घोषणा पत्र एवं आदेश निर्गत किया है जबकि पीएमएलए के तहत 339.3952 करोड़ की परिसंपत्तियों को समपहृत करने के लिए कुल 204 प्रस्ताव ईडी को दे चुकी है जबकि 51.919 करोड़ रूपये की अपराध जनित संपत्ति जब्त कर लिया है।
इसके साथ ही बिहार पुलिस ने राज्य में नशाबंदी के मामले में भी कार्रवाई करते हुए भारी सफलता हासिल की है और 13024.13 किलोग्राम गांजा, 303.045 किलोग्राम चरस, 5004.67 किलोग्राम डोडा, 63071 इंजेक्शन, 108398 बोतल कोडिन बेस्ड सिरप, 50321 टेबलेट के साथ ही 19.528 किलोग्राम हेरोइन, स्मैक, ब्राउन सुगर, 10.257 किलोग्राम अफीम बरामद करते हुए कुल 1333 अभियुक्तों को जेल भेज चुकी है। इसके साथ ही राज्य में करीब 2525.32 एकड़ में लगे अवैध अफीम के फसल को भी नष्ट किया गया है।
इसके साथ ही परीक्षा से संबंधित अपराधो में भी 336 लोगों को अब तक गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। देश में नए अपराधिक कानून के अधिसूचित होने के बाद राज्य के सारण जिला में रिकॉर्ड 50 दिनों में अभियुक्त को सजा दिलवा कर बिहार ने देश भर में पहला स्थान हासिल किया। बिहार में शराबबंदी कानून को तोड़ने के मामले में भी राज्य की पुलिस ने करीब चार लाख 89 हजार 33 अभियोग दर्ज कर एक लाख दो हजार 648 वाहन को जब्त किया जबकि 770250 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया।

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