Bharat Varta Desk: भारत सरकार ने सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर यानी विशेष निदेशक प्रवीण सिन्हा का कार्यकाल लगातार दूसरी बार बढ़ा दिया है। वह इस महीने की अंतिम तारीख को अवकाश ग्रहण करने वाले थे मगर उनके सेवाकाल को अगले 6 महीने के लिए विस्तार दिया गया है। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने डीओपीटी (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) की सिफारिशों पर मुहर लगा दी है।
इस संबंध में 29 अक्टूबर को सरकार की ओर से चिट्ठी जारी कर दी गई है। इसके पहले भी प्रवीण सिन्हा को 6 महीने का एक्सटेंशन मिल चुका है।
1988 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के तेज तर्रार अधिकारी प्रवीण सिंहा अपनी विशिष्ट कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी रहे हैं मगर लंबे समय तक उन्होंने सीबीआई में काम किया है और वर्ष 2021 में निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला के अवकाश ग्रहण करने के बाद उन्होंने सीबीआई के कार्यवाहक निदेशक के रूप में भी काम किया है।
इंटरपोल में एशिया का प्रतिनिधित्व
वे फिलहाल इंटरपोल में एशिया का प्रतिनिधित्व करते हैं जो बहुत ही प्रतिष्ठापरक पद माना जाता है। उनकी पहल पर पिछले दिनों भारत में 25 सालों के बाद इंटरपोल का राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ था जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। दिल्ली के प्रगति मैदान में हुए इस विशाल आयोजन में इंटरपोल के अध्यक्ष अहमद नासर अल रायसी और महासचिव जुर्गन स्टॉक समेत करीब 195 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे।
पटना के रहने वाले, साफ-सुथरी छवि
प्रवीण सिन्हा बिहार की राजधानी पटना के रहने वाले हैं। उनके पिता स्वर्गीय पूर्णेन्दु नारायण सिन्हा बिहार सरकार के मंत्री और राज्य के नामचीन साहित्यकार हुआ करते थे।
प्रवीण सिन्हा ने लंबे समय तक सीबीआई के बिहार और झारखंड के प्रभारी अधिकारी ( डीआईजी) भी रहे हैं। अपने काम से उन्होंने गुजरात पुलिस से लेकर सीबीआई तक एक मजबूत छाप छोड़ी है। जहां एक ओर साफ-सुथरी छवि को लेकर विभाग में उनकी साख है वहीं वे जटिल केसों को सुलझाने के लिए जाने जाते हैं। देश के कई चर्चित केसों का उन्होंने उद्भेदन किया है। कभी उनके काम पर कोई अंगुली नहीं उठी।
सीबीआई का पुराना अनुभव और जटिल केसों को निपटाने की महारत
सीबीआई में काम करने का विशेष अनुभव होने के कारण प्रवीण सिन्हा केंद्र सरकार में काफी अहम माने जाते हैं। 2000 और 2021 के बीच दो कार्यकालों में उन्होंने सीबीआई में पुलिस अधीक्षक, उप महानिरीक्षक, संयुक्त निदेशक और अतिरिक्त निदेशक के रूप में काम किया है। पूर्व सीबीआई प्रमुख ऋषि कुमार शुक्ला के सेवानिवृत्त होने के बाद कार्यवाहक निदेशक का प्रभार संभाला जब तक कि सुबोध जायसवाल को पीएम मोदी के नेतृत्व वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा सीबीआई निदेशक के रूप में नियुक्त नहीं किया गया।
प्रवीण सिन्हा को सीबीआई के अपराध नियमावली को संशोधित करने का काम सौंपा गया था। उन्होंने 2015-18 के दौरान देश के भ्रष्टाचार-विरोधी प्रहरी, केंद्रीय सतर्कता आयोग में अतिरिक्त सचिव के रूप में भी काम किया है। गुजरात पुलिस में भी उन्होंने एसपी से लेकर अतिरिक्त डीजी तक के कई अहम पदों पर काम किया है।
जांच- प्रवीण सिन्हा सर्वोच्च न्यायालयों/उच्च न्यायालयों को सौंपे गए/निगरानी घोटालों की जांच से जुड़े रहे हैं, इसमें प्रमुख बैंक धोखाधड़ी और वित्तीय अपराध, सीरियल बम विस्फोट आदि शामिल हैं। सिन्हा ने कैट और एआईपीएमटी पेपर लीकेज को उजागर करने में भी अहम भूमिका निभाई थी। बिहार के बहुचर्चित पशुपालन घोटाले की जांच को उन्होंने मुकाम तक पहुंचाया था। इन सब को लेकर ही भारत सरकार ने उन्हें एक बार फिर से सीबीआई में बनाए रखने का फैसला किया है।
Bharat varta Desk रिजर्व बैक ऑफ इंडिया (RBI) के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास प्रधानमंत्री नरेंद्र… Read More
Bharat Varta Desk झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के पहले बैच की टॉपर शालिनी विजय… Read More
Bharat varta Desk पटना हाई कोर्ट के पांच वरिष्ठ वकील जल्द ही जज बनने वाले… Read More
Bharat varta Desk भारतवंशी काश पटेल को अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के नए… Read More
अवेयर रहेंगे साइबर फ्रॉड से बचे रहेंगे, बिहार पुलिस के कैम्पैन को 'बिग-बी' का साथ… Read More
Bharat varta Desk 17 साल के लंबे इंतजार के बाद आज दिल्ली में एकबार फिर… Read More