
Bharat Varta Desk : यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। 2007 में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुकदमा चलाने की अनुमति से सुप्रीम कोर्ट ने मना किया है। राज्य सरकार ने मई 2017 में इस आधार पर अनुमति से मना कर दिया था कि मुकदमे में सबूत नाकाफी हैं। 2018 में इलाहाबाद हाई कोर्ट भी इसे सही ठहरा चुका है। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर मुहर लगा दी है।
क्या था भड़काऊ भाषण का मामला?
बता दें कि योगी आदित्यनाथ पर साल 2007 में भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था, जब वे गोरखपुर के सांसद थे। 27 जनवरी, 2007 को गोरखपुर में सांप्रदायिक दंगा हुआ था। इस दंगे में दो लोगों की मौत और कई लोग घायल हुए थे। इस दंगे के लिए योगी आदित्यनाथ, उस दौरान विधायक रहे राधा मोहन दास अग्रवाल और गोरखपुर की तत्कालीन मेयर अंजू चौधरी पर भड़काऊ भाषण देने और दंगा भड़काने का आरोप लगा था। आरोप था कि इनके भड़काऊ भाषण के बाद ही दंगा भड़का था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी साल 2018 में उस याचिका को ही खारिज कर दिया था, जिसमें दंगों में योगी की भूमिका की जांच कराए जाने की मांग की गई थी।
इस मामले में योगी पर मुकदमे की इजाजत न देने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने 24 अगस्त को ही अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। 24 अगस्त को इस मामले में सुनवाई के दौरान सीएम योगी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि योगी अब मुख्यमंत्री बन गए हैं, इसलिए बात को बेवजह खींचा जा रहा है। उन्होंने दलील दी थी कि सालों चली जांच के बाद सीआईडी को तथ्य नहीं मिले, उस दौरान राज्य में दूसरी पार्टियों की सरकार थी।
Bharat varta Desk बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के सीएम फेस को लेकर गृह मंत्री… Read More
Bharat varta Desk 4 दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व उगते सूर्य को अर्घ्य देने… Read More
Bharat varta Desk दुनियाभर में छठ का महापर्व मनाया जा रहा है। खरना के साथ… Read More
Bharat varta Desk जस्टिस सूर्यकांत, CJI गवई के बाद सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे सीनियर… Read More
Bharat varta Desk आज चार दिवसीय छठ महापर्व का दूसरा दिन खरना है. शाम के… Read More
पटना / नई दिल्ली : लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के अवसर पर इस… Read More