बड़ी खबर

साहिबगंज में न्यायिक पदाधिकारियों ने समय पर अस्पताल भेजकर घायल की बचाई जान

Bharat varta desk: न्यायिक पदाधिकारियों ने संवेदनशीलता और तत्परता दिखलाइए तो घर की जान बच गई। घटना झारखंड के साहिबगंज जिले की है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकार साहेबगंज के सचिव सह वरीय सिविल जज मनोरंजन कुमार और रेलवे न्यायिक दंडाधिकारी तारकेश्वर दास शुक्रवार की रात 8 बजे टहलने निकले थे। उसी दौरान उपायुक्त कार्यालय के निकट परिसदन वाली सड़क पर बाइक सवार सूरज कुमार गंभीर रूप से दुर्घटनाग्रस्त होकर खून से लथपथ सड़क किनारे गड्ढे में गिरा कराह रहा था | उधर से गुजर रहे कई लोगों ने उसे देखा और आगे बढ़ गए। कोई संवेदनशीलता नहीं दिखाई। वहीँ पर एक ई रिक्शावाला लकड़ी लग रहा था।
दोनों न्यायिक पदाधिकारियों ने घायल को खुद से उठाकर उठाकर ई रिक्शा से तुरंत सदर अस्पताल भिजवाया। उसके बाद साहेबगंज के उपायुक्त व सिविल सर्जन को फोन पर इसकी सूचना दी। घायल का मौके पर इलाज शुरू हो गया उसकी जान बच गई।

समय पर इलाज नहीं होने से 50% घायलों की हो जाती है मौत

जिला विधिक सेवा प्राधिकार साहेबगंज के सचिव सह वरीय सिविल जज मनोरंजन कुमार ने बताया कि रोज होने वाले सड़क हादसे में शुरू के 1 घंटे (गोल्डन आवर) के अंदर 50 परसेंट घायलों की मौत इसलिए हो जाती है क्योंकि उनको तुरंत नजदीक के अस्पताल पहुंचाने वाला कोई नहीं होता। लोग इसलिए घायल को अस्पताल नहीं पहुंचाते ताकि पुलिस उनसे कोई पूछताछ न करे। लोगों को लगता है कि अगर हादसे में घायल की मौत हो गई तो वह कानूनी पचड़े में फंस जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन, घायलों को तुरंत पहुंचाया अस्पताल, कोई नहीं करेगा परेशान

सुप्रीम कोर्ट ने गाइडलाइंस भी जारी कि है कि
1.  घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले को पुलिस मजबूर नहीं कर सकती कि वे अपना नाम व पता लिखवाएं |
2.  अगर हादसे में घायल की मौत हो जाती है तो अस्पताल पहुंचाने वाले को पुलिस परेशान नहीं करेगी |
3.  हादसे में घायल की सूचना देने वाले को भी पुलिस परेशान नहीं कर सकती।
4.  घायल को अस्पताल पहुंचाने वाला न चाहे तो पुलिस उसका नाम व पता सार्वजनिक नहीं कर सकती। अगर फिर भी ऐसा होता है तो उस पुलिस वाले पर डिपार्टमेंटल इंक्वायरी हो सकती है।
5.  घायल को अस्पताल पहुंचाने वाला आई विटनेस बनना चाहता है, लेकिन कोर्ट में गवाही के लिए नहीं आना चाहता तो वीडियोकॉन्फ्रेसिंग के जरिए गवाही हो सकती है। पुलिस उसको ट्रायल के दौरान तंग नहीं करेगी।
6.  अगर घायल या उसे अस्पताल पहुंचाने वाले के साथ कोई डॉक्टर दुर्व्यवहार करता है तो उनके खिलाफ शिकायत मिलने पर एक्शन लिया जाएगा।


 
विधिक सेवा प्राधिकार करेगा जागरूक-बी डी तिवारी

जिला विधिक सेवा प्राधिकार  साहेबगंज के सचिव सह वरीय सिविल जज मनोरंजन कुमार ने बताया प्राधिकार द्वारा हमेशा लोगों को जागरूक किया जा रहा है ।  जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश वंशीधर तिवारी के आदेश से आगे भी पुलिस अधिकारियों , आम जनता को और भी जागरूक किया जायेगा जिसका मकसद पुलिस कर्मियों व अन्य को समझाना होगा कि जो भी हादसे में घायल को अस्पताल लेकर आए उसके साथ कैसा व्यवहार करें । बिना बजह उनको परेशान न करें । इसके अलावा जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया जायगा ताकि  हादसे में घायल की जान बच सके। घायल को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा सके। क्योंकि घायल को अस्पताल ले जाने वाला पुलिस को सूचित करने से इसलिए डरता है कि बाद में उसको काफी पेरशानी होगी। पुलिस उसे बार-बार पूछताछ के लिए बुलाएगी।
 

Ravindra Nath Tiwari

तीन दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय। 17 साल हिंदुस्तान अखबार के साथ पत्रकारिता के बाद अब 'भारत वार्ता' में प्रधान संपादक।

Recent Posts

बेहोश हुए उपराष्ट्रपति

Bharat varta Desk उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नैनीताल में तीन दिन के दौरे पर हैं। कुमाऊं… Read More

2 days ago

अब लीडर नहीं,डीलर के हाथो में देश : ललन कुमार

Bharat varta Desk प्सुल्तानगंज महेशी महा दलित टोला में कांग्रेस के सामाजिक न्याय जन चौपाल… Read More

5 days ago

बिहार के कई जिला जज बदले

Bharat varta Desk पटना हाईकोर्ट ने कई प्रिंसिपल जजों को बदल दिया है। कई जज… Read More

6 days ago

प्रधानमंत्री बोले -बिहार समृद्ध होगा तो भारत महाशक्ति बनेगा

Bharat varta Desk बिहार चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक बार फिर राज्य… Read More

7 days ago

झारखंड शराब घोटाले में पूर्व आईएएस अधिकारी गिरफ्तार

Bharat varta Desk शराब घोटाला मामले में एसीबी ने अब उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग… Read More

1 week ago

अपर पुलिस महानिदेशक गिरफ्तार

Bharat varta Desk तमिलनाडु से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां… Read More

1 week ago