नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने वेब सीरीज तांडव के निर्देशक, निर्माता, लेखक और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. कोर्ट में याचिका दायर कर अलग-अलग राज्यों में इस संबंध में दर्ज केस को एक में करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने का अनुरोध आरोपियों की ओर से किया गया था. इस वेब सीरीज के खिलाफ कम से कम 6 राज्यों में अलग-अलग केस दर्ज किए गए हैं. इसे बनाने वाली टीम के लोगों से पूछताछ करने और उनकी गिरफ्तारी के लिए कई राज्यों की पुलिस टीम मुंबई गई थी.
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने आरोपियों की याचिका पर सुनवाई करते कोई भी अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि हम धारा 482 सीआरपीसी के तहत शक्ति का उपयोग नहीं कर सकते. हम अंतरिम राहत देने के लिए इच्छुक नहीं हैं. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपी संबंधित न्यायालयों में राहत के लिए याचिका दायर कर सकते हैं. कोर्ट ने यह भी कहा है कि किसी की धार्मिक भावना को आहत करने की आजादी किसी को नहीं है.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा कि आरोपी संबंधित अदालतों में जमानत लेने के लिए याचिका दाखिल कर सकते हैं.
बता दें कि तांडव के डायरेक्टर अली अब्बास जफर, निर्माता हिमांशु मेहरा, लेखक गौरव सोलंकी, अभिनेता मोहम्मद जीशान अय्यूब और अमेज़ॅन इंडिया ओरिजिनल्स की प्रमुख अपर्णा पुरोहित द्वारा दायर याचिका में उनके खिलाफ कार्रवाई को रद्द करने और उनके खिलाफ दर्ज सभी f.i.r. को एक ही पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित करने की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी . यहां बता दें कि पिछले सप्ताह जब यूपी पुलिस तांडव की टीम से पूछताछ करने के लिए मुंबई पहुंची थी तो महाराष्ट्र हाईकोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत दिया था.
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