बड़ी खबर

विजयादशमी पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा- देश का विभाजन दुखद, जनसंख्या नीति पर फिर से विचार हो


Bharat varta desk:

विजयादशमी के मौके पर शुक्रवार को आर एस एस के मुख्यालय नागपुर में संघके प्रमुख मोहन भागवत के नेतृत्व में शस्त्र पूजन किया गया। इस मौके पर भागवत ने डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार और माधव सदाशिव गोलवलकर को भी पुष्पांजलि अर्पित की। कोरोना वायरस के कारण यह दूसरी बार ऐसा हुआ कि इस मौके पर r.s.s. ने किसी विशेष व्यक्ति को मुख्य अतिथि के रुप में आमंत्रित नहीं किया था। शस्त्र पूजन के बाद अपने संबोधन में प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जिस दिन हम स्वतंत्र हुए उस दिन स्वतंत्रता के आनंद के साथ हमने एक अत्यंत दुर्धर वेदना भी अपने मन में अनुभव की।‌ वह दर्द अभी तक गया नहीं है। अपने देश का विभाजन हुआ जो अत्यंत दुखद इतिहास है। लेकिन उस इतिहास के सत्य का सामना करना चाहिए, उसे जाना चाहिए।


संघ प्रमुख ने कहा कि जिस शत्रुता और अलगाव के कारण
विभाजन हुआ उसकी पुनरावृत्ति नहीं करनी है। पुनरावृत्ति टालने के लिए, खोई हुई हमारे अखंडता और एकात्मता को वापस लाने के लिए उस इतिहास को सबको जानना चाहिए. खासकर नई पीढ़ी को जानना चाहिए। खोया हुआ वापस आ सके,खोए हुए बिछड़े हुए को वापस गले लगा सकें। उन्होंने कहा अपने मत, पंथ, जाति, भाषा, प्रान्त आदि छोटी पहचानों के संकुचित अहंकार को हमें भूलना होग।

स्वाधीनता रातों-रात नहीं मिली

उन्होंने कहा कि यह साल कुमारी स्वाधीनता का 75 वां वर्ष है। हमें यह स्वाधीनता रातों-रात नहीं मिली है। संघ प्रमुख ने कहा कि स्वतंत्र भारत का चित्र कैसा हो इसकी भारत की परंपरा के अनुसार समान सी कल्पनाएं मन में लेकर, देश के सभी क्षेत्रों से, सभी जाति वर्गों से निकले वीरों ने तपस्या त्याग और बलिदान के हिमालय खडे किये हैं।


मोहन भागवत के उद्बोधन की मुख्य बातें

-सीमा पार घुसपैठ से जनसंख्या संतुलन बढ़ रहा है। जनसंख्या नीति पर फिर से विचार करने की जरूरत है। एनसीआर से घुसपैठियों की पहचान करने की जरूरत है।

-तालिबान से सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है

-पाकिस्तान और चीन बदला नहीं है। सीमा पर तैयारी रखने के साथ बातचीत करने की जरूरत है।

-धारा 370 हटाने का अच्छा परिणाम दिख रहा है। आतंकी जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग कर रहे हैं। दहशगर्द बेगुनाहों की जान ले रहे हैं।

-देश को सही अर्थों में समाज चलाता है

-हिंदू समाज को संगठित होने की जरूरत है

-r.s.s. सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन है। संघ का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति का चरित्र निर्माण करना है।

मोहन भागवत ने अपने भाषण में
संघ के काम, कोरोना महामारी, नशीली पदार्थों का सेवन, आपसी मेलजोल के साथ रहने समेत कई मुद्दों पर अपनी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की राय रखीं।

Ravindra Nath Tiwari

तीन दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय। 17 साल हिंदुस्तान अखबार के साथ पत्रकारिता के बाद अब 'भारत वार्ता' में प्रधान संपादक।

Recent Posts

पराग जैन होंगे रॉ के नए चीफ

Bharat varta Desk केंद्र सरकार ने शनिवार को पंजाब कैडर के 1989 बैच के आईपीएस… Read More

2 days ago

पुरी में जगन्नाथ यात्रा शुरू, अहमदाबाद में अमितशाह ने की मंगला आरती

Bharat varta Desk पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू हो गई है। सबसे… Read More

3 days ago

बेहोश हुए उपराष्ट्रपति

Bharat varta Desk उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नैनीताल में तीन दिन के दौरे पर हैं। कुमाऊं… Read More

5 days ago

अब लीडर नहीं,डीलर के हाथो में देश : ललन कुमार

Bharat varta Desk प्सुल्तानगंज महेशी महा दलित टोला में कांग्रेस के सामाजिक न्याय जन चौपाल… Read More

1 week ago

बिहार के कई जिला जज बदले

Bharat varta Desk पटना हाईकोर्ट ने कई प्रिंसिपल जजों को बदल दिया है। कई जज… Read More

1 week ago

प्रधानमंत्री बोले -बिहार समृद्ध होगा तो भारत महाशक्ति बनेगा

Bharat varta Desk बिहार चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक बार फिर राज्य… Read More

1 week ago