Bharat varta desk: पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के 17 ठिकानों पर सीबीआई की दिनभर चली छापेमारी शाम को खत्म हो गई। दिल्ली में लालू से सीबीआई की टीम ने 3 घंटे तक पूछताछ की। गोपालगंज से दो लोगों को सीबीआई उठाकर दिल्ली ले गई है। पटना में राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर छापेमारी के दौरान राजद के कार्यकर्ताओं ने भारी हंगामा और शोर-शराबा किया। इस दौरान जहां राजद कार्यकर्ताओं ने सीबीआई की टीम के द्वारा राबड़ी देवी के साथ बदसलूकी की शिकायत की वहीं राजद कार्यकर्ताओं पर भी सीबीआई के अधिकारियों से दुर्व्यवहार करने के आरोप लगे। इन सबके बीच में लंदन से ट्वीट करके नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार और सीबीआई को बता दिया कि वे लोग छापेमारी से डरने वाले नहीं हैं। तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि लड़ रहे हैं, जीत रहे हैं. लड़ते रहेंगे, जीतते रहेंगे. देर सही लेकिन विजय सदैव सत्य की ही होती है. ऐ हवा जाकर कह दो, दिल्ली के दरबारों से, नहीं डरा है नहीं डरेगा, लालू इन सरकारों से।
राजद में दहशत, जनता दल यू भी सहमा
राष्ट्रीय जनता दल के नेता चाहे जो भी दावा करें मगर इस छापेमारी ने पार्टी और नेताओं को हिला कर रख दिया है। उनमें डर का माहौल है। सीबीआई की टीम को छापेमारी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बड़े बेटे तेजप्रताप यादव गेट तक छोड़ने आए। साफ तौर पर यह छापेमारी भ्रष्टाचार के गंभीर मामले में हुई है जिसमें सफाई का कोई मजबूत आधार नहीं है। रेल मंत्री रहते लालू यादव पर लोगों को रेलवे में नौकरी देने के बदले खेत लिखवाने के आरोप लगे थे। सीबीआई ने भ्रष्टाचार के तमाम सबूतों के साथ लालू के तमाम ठिकानों पर छापेमारी की है। जानकार बता रहे हैं कि लालू और उनके परिवार के लोगों का इस घोटाले में फसना तय माना जा रहा है।
तेजस्वी यादव के देश से बाहर रहने के कारण आगे की रणनीति बनाने की योजना अभी बन नहीं पा रही है। केवल राजद के नेताओं के बयान और प्रदर्शन हो रहे हैं मगर यह बचने का कोई सटीक उपाय नहीं है। क्योंकि पशुपालन घोटाले में भी जब सीबीआई ने छापेमारी शुरू की थी तो राजद की ओर से इससे भी बड़ा प्रदर्शन किया गया था क्योंकि उस समय लालू प्रसाद अभी से ज्यादा ताकतवर थे।
गरमाई सियासत
इस छापेमारी के बाद जनता दल यू के प्रवक्ता खुलकर कुछ बोल नहीं रहे हैं। हालांकि जब राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने यह दलील दी कि नीतीश और तेजस्वी में नजदीकी बढ़ रही थी इसी से घबराकर भाजपा ने सीबीआई का रेड करवाया है तो उसके जवाब में फोन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। यह मामला रेल मंत्री रहते लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में भ्रष्टाचार से संबंधित है। इसलिए सीबीआई अपना काम कर रही है। हालांकि सीबीआई की कार्रवाई ने भीतर ही भीतर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जनता दल यू के अन्य नेताओं को सीमा में रहने का संकेत जरूर दे दिया है। जातिगत जनगणना और अन्य मुद्दों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले कुछ महीनों से तेजस्वी यादव के प्रति अपना नेह दिखा रहे थे, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। छापेमारी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आनन-फानन में जनता दल यू के मंत्रियों की बैठक बुलाना कई सवालों को जन्म दे रहा है।
ललन सिंह और शिवानंद तिवारी ने किया था मामला उजागर
पूर्व उप मुख्यमंत्री तथा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 2008 में रेल मंत्री रहते लालू प्रसाद यादव द्वारा लोगों से नौकरी के बदले जमीन लिखवाने का मामला राजद के वर्तमान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी और जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने उठाया था। दोनों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ज्ञापन देकर लालू प्रसाद के विरुद्ध जांच की मांग की थी। सुशील कुमार मोदी ने यह भी पूछा है किलालू बताएं कि 141 कीमती भूखंड और 30 फ्लैट और दर्जनों भवनों के मालिक कैसे बने।
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