रेल जीएम पीके मिश्रा बोले-संथाल विद्रोह में रेलवे की महत्वपूर्ण भूमिका, रेल कर्मचारी संघ ने जीएम को भेंट की सिदो-कान्हू की मूर्ति, संथाल हूल पर हुई चर्चा

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*संथाल विद्रोह को दबाने के लिए पहली बार ट्रेनों से ढोए गए थे सैनिक

Bharat varta Desk

भारतीय रेल सेवा के बरीय अधिकारी, रेलवे के महाप्रबंधक और इतिहास लेखन पीके मिश्रा ने कहा है कि अंग्रेजों के खिलाफ हुए संथाल विद्रोह में रेलवे की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। पूर्वी रेलवे रेल कर्मचारी संघ के एक शिष्टमंडल से बातचीत के दौरान श्री मिश्र ने आजादी की लड़ाई में रेलवे की भूमिका और महत्व पर चर्चा की। रेल कर्मचारी संघ का एक शिष्टमंडल भानु पाठक के नेतृत्व में पीके मिश्रा से मिलकर सिदो-कान्हू की मूर्ति भेंट की। वर्तमान में रायबरेली आधुनिक रेल कोच कारखाना के महाप्रबंधक श्री मिश्र मालदा रेल के डीआरएम रह चुके हैं और एशिया के सबसे बड़े जमालपुर रेल कारखाना के दो दिवसीय दौरे पर आए थे। इस दौरान उन्होंने कारखान के कामकाज का निरीक्षण किया।

रेल कर्मचारी संघ शिष्टमंडल के सदस्य प्रियांशु दुबे ने बताया कि श्री मिश्र ने सिदो-कान्हू के नेतृत्व में 30 जून 1855-56 को अंग्रेजों के खिलाफ हुए संथाल विद्रोह की चर्चा की। इस विद्रोह से रेलवे का महत्वपूर्ण इतिहास जुड़ा हुआ है जिस पर जीएम पी के मिश्रा ने काफी शोध किया है और विद्रोह से जुड़ी कई नई जानकारियों को प्रकाश में लाया है। पीके मिश्रा ने बताया कि संथाल विद्रोह आजादी की पहली लड़ाई थी जिसमें सैनिकों को ढोने के लिए ट्रेनों का इस्तेमाल किया गया था। मालदा और आसनसोल का डीआरएम रहते पीके मिश्र ने आजादी की लड़ाई की स्मृतियों से जुड़े कई ऐतिहासिक भवनों का जीर्णोद्धार; और सौंदर्यीकरण कराया था। राजमहल रेलवे स्टेशन का सौंदर्यीकरण कराया गया था। राजमहल मुगल काल में बिहार- उड़ीसा और बंगाल की राजधानी हुआ करता था।

मालदा, जंगीपुर से लेकर साहिबगंज, भागलपुर ,जमालपुर रेल खंडो और आसनसोल, मधुपुर, देवघर रेल क्षेत्र में पीके मिश्रा की पहचान -इतिहास वाले डीआरएम- के रूप में रही है। इन रेल खंडों में उन्होंने विकास के कई उल्लेखनीय काम किए जिसके कारण उनकी लोग आज भी दुहाई देते हैं।

हूल दिवस, 30 जून को प्रधानमंत्री ने पीके मिश्रा की बेटी की प्रशंसा की-प्रेरणा से प्रेरणा ग्रहण करें

संथाल हूल और रेलवे के इतिहास पर लिखने वाले रेल अधिकारी पीके मिश्रा की बेटी प्रेरणा मिश्रा की प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 जून 2024 को अपनी -मन की बात-कार्यक्रम में की थी। प्रेरणा कॉरपोरेट सेक्टर की बड़ी नौकरी को छोड़कर गोड्डा जिले के डाड़े गांव की महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का बेहतरीन काम कर रही है और लोकल उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचा रही है। इसीलिए प्रधानमंत्री ने 30 जून को संथाल हूल को याद करते हुए इस इलाके की बेटी प्रेरणा मिश्रा के काम को सराहा और लोगों को प्रेरणा से प्रेरणा ग्रहण करने की सलाह दी थी।

जीएम बोले- जहां भी रहिए, पौधे लगाइए, पर्यावरण बचाइए

इस मौके पर कर्मचारी संघ के शिष्टमंडल को डीएम ने अपने दायित्वों का बेहतर ढंग से निर्वहन और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जहां भी रहिए, पौधे लगाइए और पर्यावरण बचाइए। यह काम अपने घर से लेकर कार्य स्थल तक करना चाहिए। जब हम नेचर को कुछ देंगे, तभी तो कुछ लेने की उम्मीद करेंगे।

कौन-कौन रहे मौजूद

जमालपुर रेल कारखाना परिसर में बना भारतीय रेल यांत्रिक एवम विद्युत अभियंत्रण संस्थान (इरिमी) के सभागार में
जीएम पीके मिश्रा के साथ रेल कारखाना प्रबंधक और भारतीय रेल सेवा के वरिष्ठ अधिकारी विनय बर्नवाल तथा इरमी के डीन अनिल द्विवेदी मौजूद थे। रेल कर्मचारी संघ की ओर से जीएम को शाल ओढ़ाकर और बुके देकर सम्मानित किया गया। शिष्टमंडल मंडल में यूनियन के नेता भानु पाठक, विभाष जी और सदस्य प्रियांशु दुबे,चंदन कुमार, वैभव सिंह शामिल थे।

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