Bharat varta desk: केंद्र सरकार ने कुछ राज्यों में हिंदुओं को माइनॉरिटी का दर्जा देने कि मांग करने वाली याचिका के जवाब में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने कोर्ट को बताया कि राज्य अपने हिसाब से हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा दे सकते हैं। केंद्र ने कहा कि जिस प्रकार राष्ट्रीय स्तर पर ईसाई, सिख, मुस्लिम, बौद्ध, पारसी और जैन को माइनॉरिटी का तमगा मिला है, वैसे ही राज्य भाषा या फिर संख्या के आधार पर हिंदुओं को अल्पसंख्यक श्रेणी में रखने के लिए स्वतंत्र है। केंद्र सरकार के वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर याचिका ने कहा था कि जम्मू कश्मीर, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, लक्ष्यदीप, मणिपुर और पंजाब में हिंदू, यहूदी और बहाई अल्पसंख्यक है, फिर भी राज्यों की बहुसंख्यक आबादी को इन राज्यों में अल्पसंख्यक होने का फायदा दिया जाता है। और जो सच मे अल्पसंख्यक है उन्हें दरकिनार कर दिया जाता है।
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