पटना,भारत वार्ता संवाददाता: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे और छपरा के सांसद राजीव प्रताप रूडी को लेकर भाजपा बैकफुट पर है. इन दोनों नेताओं के साथ साथ भारतीय जनता पार्टी की भी सोशल मीडिया में धज्जियां उड़ रही है. लोग जहां स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं वही राजीव प्रताप रूडी को भी जमकर धोया जा रहा है.
एंबुलेंस प्रकरण से रूडी की फजीहत: पप्पू यादव ने सांसद राजीव प्रताप रूडी को ऐसा बेनकाब किया कि भाजपा को जवाब देते नहीं बन रहा है. रूडी के सांसद निधि से खरीदे गए 38 एंबुलेंस को छिपा कर रखे जाने का मामला पूरे देश में सुर्खियों में है. जहां यह सारे एंबुलेंस रखे गए हैं वह अस्पताल परिसर है मगर उस जगह पर सांसद के लोगों का कब्जा है. पूर्व सांसद पप्पू यादव ने यह खुलासा कर दिया है कि यह एंबुलेंस लोकसभा चुनाव तक चलते थे मगर जहां के लोगों ने रूडी को वोट नहीं दिया वहां से एंबुलेंस मंगा लिए गए. पप्पू यादव का आरोप है कि सांसद निधि से खरीदे गए एंबुलेंस संसद के लोगों द्वारा चलाए जा रहे हैं जबकि इनका संचालन अस्पताल, स्वास्थ्य विभाग या जिला प्रशासन के जरिए किया जाना चाहिए. सांसद की निधि सांसद की अनुशंसा से डीएम द्वारा खर्च की जाती है. लेकिन राजीव प्रताप रूडी ने नियमों की धज्जियां उड़ा कर सभी एंबुलेंस को प्राइवेट प्रॉपर्टी की तरह उपयोग कर रहे हैं. इन एंबुलेंस से जो पैसे आए उसको सांसद ने कहा रखा, कैसे खर्च किया. पप्पू यादव की मांग है कि उन पर सरकारी राशि के गबन का केस भी दर्ज किया जाना चाहिए.
एंबुलेंस से बालू की ढूलाई: पूर्व सांसद पप्पू यादव ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें राजीव प्रताप रूडी की निधि से खरीदे गए एंबुलेंस से बालू धो रहे थे बालू की धुलाई की ढूलाई हो रही है. कोरोनावायरस महामारी के दौरान जहां एंबुलेंस के अभाव में रोगी मर रहे हैं वहीं दूसरी दूसरी छपरा सांसद द्वारा इतनी संख्या में एंबुलेंस को छिपा कर रखना एक गंभीर मामला है और इस पर केस दर्ज होना चाहिए. इस तरह की बात लगातार लोग सोशल मीडिया में लिख रहे हैं.
ड्राइवर का बहाना: आश्चर्य की बात यह है कि सांसद और उनके लोग कह रहे हैं कि ड्राइवर के अभाव में एंबुलेंस नहीं चल रहे हैं मगर वहीं दूसरी ओर कौशल विकास मंत्री रहते रूडी ने छपरा में ड्राइवर ट्रेनिंग केंद्र भी खुलवाया था जो अभी बंद हो गया है. इस मुद्दे पर छपरा सांसद और भाजपा चौतरफा घिर गए हैं. लोग सांसद से यह भी सवाल कर रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के पहले यह एंबुलेंस कौन ड्राइवर चलाते थे? केंद्रीय मंत्री रहते भी विवादों में रहे राजीव प्रताप रूडी पिछले साल में भारत सरकार में कौशल विकास मंत्री रहते भी काफी विवादों में रहे थे. उन पर तरह-तरह की अनियमितता के आरोप लगे थे. बाद में उन्हें हटा दिया गया.
मंगल पांडे को क्यों नहीं हटा रही सरकार: सोशल मीडिया पर बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को हटाने के लिए भी लोग लगातार लिख रहे हैं. कोरोनावायरस महामारी के दौरान मंत्री की काफी फजीहत हुई है. वे संकट से निपटने की हर मोर्चे पर फेल साबित हुए हैं. संकट काल में हुए नजर भी नहीं आ रहे हैं. लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्रालय जैसे अहम विभाग को किसी योग्य नेता के हवाले किया जाना चाहिए. इन पर भाजपा की मेहरबानी को लेकर भी तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं. लोगों का यह भी कहना है कि ऐसे आयोग मंत्री को दो दो जिलों का प्रभारी मंत्री भी बना दिया गया है जो एक जिला के निगरानी में भी सक्षम नहीं है.
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