रांची से कुमुद रंजन : झारखंड में संथाली भाषा के विद्वान शिक्षाविद और प्रद्मश्री प्रोफेसर दिगंबर हांसदा का निधन जमशेदपुर में गुरुवार को निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे।
दिगंबर हांसदा एलबीएसएम कॉलेज के प्राचार्य रह चुके थे और कोल्हान विवि के सिंडिकेट सदस्य भी। -16 अक्तूबर 1939 को जमशेदपुर के मानगो स्थित बेको क्षेत्र के दोवापानी गांव में उनका जन्म हुआ। – प्रमुख पुस्तकें: सरना गद्य-पद्य संग्रह, संताली लोककथा संग्रह, भारोतेर लौकिक देव देवी, गंगमाला।
पद्मश्री दिगंबर हांसदा सेवानिवृत्त होने के बाद भी प्रतिदिन संथाली विषय का क्लास लेने कॉलेज जाते थे । उन्होंने बताया था कि उन्हें राज्यपाल और कुलपति बनने का भी ऑफर आया था लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया।
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