याद किए गए यशस्वी साहित्यकार भगवती शरण मिश्र, केंद्रीय मंत्री चौबे ने बताया बहुआयामी व्यक्तित्व का धनी
Bharat varta desk: भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और यशस्वी साहित्यकार डॉक्टर भगवती शरण मिश्र को बिहार की राजधानी पटना में याद किया गया। मौका था उनकी जयंती का। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन, में आयोजित “डॉ भगवती शरण मिश्र जयंती एवं कवि सम्मेलन” कार्यक्रम में मिश्र जी को श्रद्धांजलि देने के लिए बिहार और दूसरे राज्यों के नामचीन लोग जुटे थे।
आईएएस के पद पर रहकर भी साहित्य में हासिल की ऊंचाई
सबने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को याद किया। डॉक्टर मिश्र ने प्रशासनिक पदाधिकारी के पद पर काम करते हुए साहित्य के क्षेत्र में एक ऊंचाई हासिल किया। इस मौके पर उन्हें याद करते हुए केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि डॉ भगवती शरण मिश्र बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी थे और सरकारी सेवा में रहने के बावजूद हिंदी और अंग्रेजी साहित्य में उनका अन्यतम योगदान है।
वे उच्च कोटि के विद्वान, मनीषी और साहित्यकार थे। हिंदी साहित्य की ऐसी कोई विधा नहीं है जिस पर उन्होंने नहीं लिखा।
नामचीन लोगों ने दी श्रद्धांजलि
इस मौके पर पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संजय कुमार, आंध्र प्रदेश उच्च न्यायलय के पूर्व न्यायधीश राकेश कुमार,अति विशिष्ट अतिथि के तौर पर उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद, महावीर मंदिर न्यास के सचिव किशोर कुणाल, हिंदी प्रगति समिति के अध्यक्ष सत्यनारायण, वरिष्ठ कवि भगवती प्रसाद द्विवेदी, बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के प्रधानमंत्री डॉ शिववंश पांडेय, उपाध्यक्ष डॉ शंकर प्रसाद और कार्यक्रम संयोजिका उषा मिश्र(संयुक्त राष्ट्र संघ के वरिष्ठ सलाहकार) ने भी शिरकत किया।
नाम कमाया, इज्जत और सम्मान कमाया
सबने कहा कि डॉ भगवती शरण मिश्र ना केवल एक प्रतिभाशाली अधिकारी थे बल्कि अद्भुत रचनात्मक प्रतिभा संपन्न व्यक्तित्व थे। अपने जीवन काल में उन्होंने जो प्रतिष्ठा और सम्मान हासिल किया, इज्जत और नाम कमाया, वह उनके निधन के बाद भी कायम है और यह आज के अधिकारियों और साहित्यकारों के लिए प्रेरणा का भी विषय है।