मधेपुरा विधानसभा में पप्पू यादव के आने से रोचक हुआ मुकाबला

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जन अधिकार पार्टी के संस्थापक है पप्पू यादव 20 साल बाद मधेपुरा से विधायक के लिए ताल ठोक रहे हैं

NEWSNLIVE DESK: बिहार विधानसभा चुनाव पर पूरे देश की नजर होती है. बिहार में कई ऐसे सीट हैं जिस पर पूरे देश की नजर रहती है. इस बार विधानसभा चुनाव में मधेपुरा सीट पर हर किसी की नजर है. कारण यह है कि कारण यह है कि 20 साल बाद पप्पू यादव यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. इसलिए यह सीट शुरुआत से ही चर्चा में है.

पप्पू यादव के मैदान में आ जाने से मुकाबला रोचक हो गया है.पप्पू यादव, जेडीयू और आरजेडी के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा.
आरजेडी ने मौजूदा विधायक चंद्रशेखर को एक बार पुनः मौका दिया है. वहीं जेडीयू की ओर से निखिल मंडल ताल ठोक रहे है. बिहार के मधेपुरा जिले की मधेपुरा विधानसभा सीट पर आखिरी चरण में 7 नवंबर को मतदान होगा.

20 साल बाद विधानसभा रण में पप्पू यादव
20 साल बाद मैदान में पप्पू यादव विधायक बनने के लिए मैदान में हैं. पप्पू यादव पहली बार 1990 में जिले की सिंहेश्वर विधानसभा सीट से बतौरा निर्दलीय प्रत्याशी के चुनाव लड़े थे. इसमें जनता दल के सियाराम यादव को पराजित कर पप्पू यादव विजयी हुए थे. मधेपुरा और पूर्णिया से सांसद भी रहे. 1991, 1996 वो यहां से सांसद बने लेकिन 1998 के चुनावों में बीजेपी के जय कृष्ण मंडल से हार गये थे. 1999 उन्हें एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में पूर्णिया से 13वीं लोकसभा के लिए चुना गया था. 2004 में उन्होंने शरद यादव को यहां से हराया था.

क्या कहता है मधेपुरा का जातीय समीकरण
मधेपुरा सीट मुख्य रूप से यादव वोटरों का बाहुल्य है. वहीं, मुस्लिम, पासवान, रविदास भी यहां निर्णायक भूमिका में हैं. यहां पुरुष वोटर 1.64 लाख, महिला वोटर 1.52 लाख, ट्रांसजेंडर 10 हैं. मधेपुरा में पप्पू यादव के मैदान में आने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है.

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