कोलकाता से वैष्णवी: बंगाल में 30 प्रतिशत मुस्लिम वोटरों के अलावे चोट , चंडी पाठ और ब्राह्मण राजनीति के जरिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव जीतने करने की पुरजोर कोशिश में लगी हैं. नंदीग्राम और दूसरी सभाओं में उन्होंने कहा कि मैं ब्राह्मण हूं. प्रतिदिन चंडी पाठ करके घर से निकलती हूं, कोई मुझे हिंदुत्व न सिखाए. अस्पताल से बाहर आने के बाद ह्वीलचेयर के साथ अपनी हर सभा में वो हिंदू और हिंदुत्व की अपनी व्याख्या कर रही हैं कई सभाओं में वह -या देवी सर्व भूतेषु…… समेत दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का पाठ भी कर रही हैं.
ममता बनर्जी के चोटिल होने से लेकर अस्पताल पहुंचने और बाहर आने की तस्वीरें बार-बार देश देख रहा है. निश्चित रूप से यह ममता एवं तृणमूल कांग्रेस की रणनीति है लोगों की सहानुभूति बटोरने का. इसके साथ उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों की अपील वाला अपना एक वीडियो संदेश भी जारी किया. अस्पताल से बाहर होने के पहले उन्होंने बयान दिया कि उन्हें चोट लगी है, लेकिन चुनाव अभियान में अपना सारा कार्यक्रम पूरा करेंगी. बताया जा रहा है कि अब प्रचार की कमान सीधे ममता बनर्जी ने थाम ली है. उनकी कोशिश है कि वह खुद ही ज्यादा से ज्यादा सभाओं में जाएं ताकि अधिक से अधिक लोग उनको व्हीलचेयर पर चोट लगी स्थिति में देखें.
कहीं भारी न पड़ जाए चोट की राजनीति
पश्चिम बंगाल की राजनीति के जानकारों का कहना है कि पैर में चोट लगने की राजनीति मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भारी न पड़ जाए.
जिस तरह उन्होंने उसका राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश की है, उसके संदेश उल्टे भी जा सकते हैं. चुनाव आयोग ने स्थानीय पुलिस अधीक्षक को निलंबित तथा जिलाधिकारी सह जिला चुनाव अधिकारी का तबादला अवश्य किया है, किंतु उसके कारण अलग हैं. आयोग ने माना उनकी सुरक्षा जिम्मेदारी संभाल रहे अधिकारियों को गैर बुलेटप्रुफ या बख्तरबंदविहीन गाड़ी का इस्तेमाल तथा सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाले व्यवहार उन्हें नहीं करने देना चाहिए था. जांच रिपोर्ट में क्या बात नहीं आई है कि ममता पर किसी ने हमला किया है.
टीवी चैनलों ने उनके रोड शो से लेकर दुर्घटनाग्रस्त होने तक के वीडियो के एक-एक अंश को दिखाया और विश्लेषित किया है. हमले की बात पूरी तरह गलत साबित हो रही है. चुनाव आयोग ने भी ममता बनर्जी के आरोप को पूरी तरह खारिज कर दिया है.
ममता ने ऐसा क्यों किया
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के संघर्ष के इतिहास को जानने वाले लोगों को इस बात का आश्चर्य है कि उन्होंने हमले की साजिश का झूठा आरोप क्यों लगाया? क्या वास्तव में उनके पैर में इतनी चोट है जैसा कि वह लोगों को दिखा रही हैं. क्या उन्होंने ऐसा उस प्रशांत किशोर की बनाई योजना के मुताबिक किया है जो प्रशांत किशोर कई राज्यों में फ्लॉप हो चुके हैं.
क्यों है डर
आज पूरे बंगाल की तरह नंदीग्राम की लड़ाई भी एकतरफा नजर नहीं आ रही है. जब शुभेंदु अधिकारी के भाजपा में जाने के बाद उन्होंने नंदीग्राम से लड़ने की घोषणा की तो ऐसा लगा कि चुनाव उनकी तरफ एक तरफा होगा मगर धीरे-धीरे स्पष्ट हो गया है कि वहां लड़ाई कांटे की है. भाजपा उम्मीदवार भी साधारण नहीं है. ममता को यह डर सता रहा है कि कहीं मुसलमानों के खिलाफ हिंदू वोटरों की गोलबंदी नंदीग्राम और उसके बाहर पूरे बंगाल में ना हो जाए. इसीलिए ममता हिंदुओं को अपने पक्ष में करने के लिए चोट, चंडी और ब्राह्मण कार्ड चल रही है.
Bharat varta Desk सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने जेपीएससी-2 के पांच… Read More
Bharat varta Desk झारखंड पुलिस के लिए चुनौती बने कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू को पुलिस… Read More
Bharat varta Desk बिहार में एक बार फिर बड़े पैमाने पर प्रशासनिक अधिकारियों का ट्रांसफर… Read More
Bharat Varta Desk : राष्ट्रीय सगठन ने आज रांची में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। रांची… Read More
गंदगी के खिलाफ जारी है जंग, स्वच्छता के हैं चार रंग पटना, भारत वार्ता संवाददाता… Read More
Bharat varta Desk ह अपराधियों ने हजारीबाग के कटकमदाग थाना क्षेत्र अंतर्गत फतह में एनटीपीसी के… Read More