बंगाल के प्रत्येक दुर्गा पूजा समिति को पश्चिम बंगाल सरकार देगी ₹50000, सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर लगी रोक
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा को लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोरोना वायरस प्रकोप के बीच अगले माह होने जा रही दुर्गा पूजा को लेकर कई सारे नियम साझा किए. नए नियमों के मुताबिक इस साल दुर्गा पूजा पंडाल में किसी भी तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं होगी. इसके अलावा पंडाल चारों तरफ से खुले होंगे. ममता बनर्जी ने कहा कि दुर्गा पूजा कमेटियों को राज्य सरकार की तरफ से 50 हजार रुपये अनुदान के तौर पर दिए जाएंगे. 80,000 फेरीवालों को दुर्गा पूजा से पहले 2000 रुपये की एकमुश्त अनुदान राशि दी जाएगी.ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि दुर्गा पूजा के दौरान पंडाल को चारों तरफ से खुला रखना होगा. पंडाल के प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर रखना होगा और मास्क पहनना भी अनिवार्य होगा. ममता बनर्जी ने कहा कि सभी को सामाजिक दूरी के नियमों को अपनाना होगा. इसके अलावा पंडाल में सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन की इजाजत नहीं होगी. बता दें पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा में अब करीब एक महीने का समय बचा है. ऐसे में कोविड-19 महमारी के मद्देनजर सादगी से उत्सव मनाने की तैयारियां पूरे शहर में शुरू हो गई हैं और आयोजक संक्रमण को फैलने से रोकने के उपाय पर काम कर रहे हैं.ज्वलंत विषयों की थीम पर पूजा पंडाल बनाने के लिए ख्याति प्राप्त दक्षिण कोलकाता के आयोजक समाजसेवी संघ ने इस बार अपने खुले पंडाल की दिशा बदलकर दक्षिणी एवेन्यू की ओर करने का फैसला किया है ताकि श्रद्धालु अपने वाहन में बैठक कर दूर से ही देवी दुर्गा की प्रतिमा के दर्शन कर सकें.