शख्सियत

नहीं रहे नागा बाबा ठाकुरबाड़ी के प्रधान पुरोहित कार्तिक बाबा

भागलपुर, भारत वार्ता संवाददाता: भागलपुर जिला अंतर्गत कहलगांव अनुमंडल क्षेत्र में बाबा बटेश्वर धाम में स्थित नागा बाबा मंदिर के प्रधान आचार्य और मुख्य पुजारी कार्तिक बाबा नहीं रहे। वे करीब 100 साल के थे। आज सुबह उन्होंने अपना शरीर त्याग दिया। उनके निधन की खबर से उनके भक्तों में शोक का माहौल है।

कार्तिक बाबा उर्फ कार्तिक तिवारी शिवभक्त और बड़े साधक के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने तंत्र साधना भी की थी। बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के लोग उनके पास आते थे। गंगा के सुरम्य तट पर स्थित नागा बाबा मंदिर में वे 80 सालों से पूजा- उपासना में तल्लीन थे।
वे सांस थमने तक पूरी तरह स्वस्थ रहें। जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ असीम कुमार दास ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्होंने उनका रूटीन चेकअप किया था। आसपास के इलाकों में कार्तिक बाबा बड़ी प्रतिष्ठा थी। लोग अपने कार्य सिद्धि के लिए उनसे आशीर्वाद लेने आते थे। बाबा के भक्तों में से एक केंद्र रेलवे यात्री संघ के अध्यक्ष विष्णु खेतान ने बताया कि बाबा सिद्ध संत थे। बड़े विद्वान थे। धर्म के प्रति उनकी साधना और सेवा बेमिसाल थी। सनातन धर्म के बड़े संरक्षक के रूप में हमेशा याद किया जाएगा। उनके नेतृत्व में नागा बाबा मंदिर की ओर से हजारों धार्मिक कार्यक्रम ऐतिहासिक रूप से आयोजित किए गए जिसमें कई राज्यों के लोगों की भीड़ मरती थी। वह हिंदू धर्म के बड़े ध्वजा वाहक थे। डॉ असीम कुमार दास ने बताया कि हाल में जब वह भागलपुर आए थे तो उनकी स्वास्थ्य जांच के अलावा धार्मिक विषयों पर उनसे लंबी बातचीत हुई थी। धर्म के कई पहलुओं पर उनकी बेबाक और विद्वता पूर्ण बात को सुनने के लिए लोग दूर-दूर से उनके पास आते थे। भाजपा नेता दिलीप मिश्रा ने सोशल मीडिया पर कार्तिक बाबा के शरीर त्यागने की जानकारी देते हुए कहा है कि धनी परिवार से आने वाले कार्तक बाबा ने अपना सर्वस्व त्याग कर अपना जीवन प्रभु के चरणों में अर्पित कर दिया था। आसपास के इलाकों में यह मान्यता थी कि वे जो कहते हैं वह होकर ही रहता है। उनके वाक् सिद्धि होने की मान्यता थी। वे पास के गांव भवानीपुर के रहने वाले थे। उनके कारण नागा बाबा मंदिर से लाखों लोगों का जुड़ाव हुआ। मंदिर में रोज सत्संग का आयोजन होता था। उनका अंतिम दर्शन करने के लिए मंदिर में लोगों की भीड़ उमड़ी हुई है।

Ravindra Nath Tiwari

तीन दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय। 17 साल हिंदुस्तान अखबार के साथ पत्रकारिता के बाद अब 'भारत वार्ता' में प्रधान संपादक।

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