झारखंड में वित्त रहित शिक्षकों की हड़ताल, शिक्षा सचिव से मिला शिष्टमंडल

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Bharat varta desk:

वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने स्कूल एवं इंटर कॉलेजों के अधिग्रहण एवं निदेशक की नियुक्ति को लेकर आज मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव एवं शिक्षा सचिव को ज्ञापन दिया । बता दें कि वित्त रहित शिक्षक विभिन्न मांगों को लेकर सम्पूर्ण राज्य में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।शिक्षकों का कहना है कि अगर निदेशक की अविलंब नियुक्ति नहीं हुई तो वित्तीय वर्ष 2021-22 के अनुदान की राशि लेफ्स हो सकती है।

शिक्षा मंत्री के घेराव की चेतावनी

शिक्षकों ने यह चेतावनी दी है कि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो विधानसभा सत्र के दौरान शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव करेंगे। यह भी तय किया गया है कि विधानसभा सत्र के समय 50 से ज्यादा विधायकों का हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन मुख्यमंत्री को दिया जाएगा ।

शिक्षा सचिव को दिए ज्ञापन में निम्न मुद्दों पर ध्यान आकृष्ट कराया गया


दिनांक 17 .03.2020 को विधायिका दीपिका पांडे सिंह के अलप सूचित प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने सदन में आश्वासन दिया था कि प्रशासनिक आयोग का गठन हो गया है और पूरे मामले को प्रशासनिक आयोग में भेज कर उसके अनुशंसा सरकारी संवर्ग में करने और समान काम के लिए समान वेतन दिया जाएगा ।मुख्यमंत्री के आश्वासन के आलोक में दिनांक 17 .10. 2021 को सरकार के सचिव स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने प्रधान सचिव कार्मिक प्रशासनिक सुधार आयोग एवं राजभाषा विभाग को आश्वासन के आलोक में वित्त रहित स्कूल कॉलेजों को नियमावली बनाकर वेतनमान देने की आग्रह किया था । 4 माह हो गए अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई ।

दो
वित्तीय वर्ष 2021- 22 के अनुदान की राशि जनवरी माह में संस्थाओं को भेजने का आश्वासन दिया गया था। 11 फरवरी से निदेशक का पद रिक्त है। आज तक नियुक्ति नहीं हुई है। निदेशक नहीं होने रहने के कारण राशि संस्थाओं को नहीं जा रही है ।

तीन
वित्तीय वर्ष 2021-22 में 85 करोड़ रुपये स्कूल कॉलेजों के लिए आवंटित है । इस वित्तीय वर्ष में फूल स्लैब एवं नियमावली 2015 के अनुसार अनुदान दिया जा रहा है। इसका निर्णय संचिका पर हो चुका है ।विभागीय मंत्री का अनुमोदन 2 माह पहले हो गया है और प्रत्येक स्कूल कॉलेज को नियमावली के अनुसार अनुदान देने पर सारी प्रक्रियाएं पूर्ण हो गई है। आगे की कार्रवाई के लिए निदेशक की नियुक्ति की मांग मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव से किया गया।

चार
संस्कृत एवं मदरसा विद्यालयों को दोगुना अनुदान

पांच
इंटरमीडिएट शिक्षक सेवा शर्त नियमावली को मंत्री परिषद में भेजा जाए।

छह
पूर्ण जैक बोर्ड का गठन किया जाए

सात
डिग्री से इंटर शिक्षा को अलग किया जाए

आठ
उच्च विद्यालय स्थापना अनुमति एवं प्रास्वीकृति नियमावली बनाने की मांग

ज्ञापन देने में मौजूद रहे

हरिहर प्रसाद कुशवाहा, मनीष कुमार, डॉक्टर देवनाथ सिंह ,संजय कुमार एवं नरोत्तम सिंह, सुरेंद्र झा, रघुनाथ सिंह, मनीष कुमार

28 को होगी बैठक

मोर्चा ने 28 फरवरी को राज्य के वित्त रहित संस्थाओं के सभी प्राचार्यो की बैठक रांची में बुलाया है। जिसमें आंदोलन की आगे की रणनीति तय की जाएगी ।

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