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झारखंड में वर्ल्ड क्लास पर्यटन: पहाड़ों की रानी नेतरहाट

प्रिय रंजन, रांची।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तीन दिवसीय नेतरहाट के दौरे में शनिवार को कहा कि झारखंड के पर्यटक स्थलों को वर्ल्ड क्लास का पर्यटक स्थल बनाएंगे. सचमुच झारखंड में दर्शनीय पर्यटक स्थलों की भरमार है. इनका सही ढंग से विकास हो और पर्यटन की सुविधाओं को विस्तार दिया जाए तो उनमें पूरी दुनिया को अपनी ओर खींचने की क्षमता है. यहां के पर्यटक स्थलों में नेतरहाट का स्थान सबसे ऊपर है.

नेतरहाट स्कूल के कारण यह जगह पूरी दुनिया में जानी जाती है मगर यहां एक से एक प्राकृतिक और मनोरम स्थल भी हैं. इसे पहाड़ों की रानी और झारखंड का मसूरी कहा जाता है.

झारखंड की राजधानी रांची से डेढ़ सौ किलोमीटर दूर लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड में समुद्र तल से 3622 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यहां का सूर्योदय और सूर्यास्त देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. नेतरहाट दो शब्दों से बना है नेतूर यानी बांस और हाट यानी बाजार. नेतरहाट को पहाड़ी इलाका के रूप में विकसित करने का श्रेय बिहार और उड़ीसा के तत्कालीन गवर्नर एडवर्ड गेट को जाता है. यहां सनसेट पॉइंट, सनराइज प्वाइंट, मैगनोलिया पॉइंट और नेतरहाट आवासीय विद्यालय प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं. इनके अलावे ऊपरी घाघरी झरने –ऊपरी घाघरी झरने नेतरहाट के प्रमुख आकर्षण में से एक है. यह झरने भरी भरी घाटी के बीच आकाश के नीचे स्थित एक बहुत खूबसूरत जगह है, जहाँ की यात्रा आपको जरुर करना चाहिए. अगर आप अपनी यात्रा को और भी ज्यादा ख़ास बनाना चाहते हैं तो आपको नेतरहाट से 4 किलोमीटर दूर स्थित ऊपर घाघरी झरने की यात्रा जरुर करना चाहिए.

मैगनोलिया सनसेट पॉइंट –
मैगनोलिया सनसेट पॉइंट नेतरहाट की एक और अन्य खूबसूरत जगह है जहाँ से आप ढलते हुए सूरज के आकर्षक दृश्य को देख सकते हैं. यहां जब आप ढलते हुए सूरज को देखेंगे तो पूरा आसमान नारंगी रंग का दिखाई देता है. यहां से जब आप सूरज को गौर से देखेंगे तो ऐसा लगेगा जैसे सूरज आकाश से धीरे- धीरे नीचे की ओर जा रहा है. अगर आप नेतरहाट की यात्रा करने जा रहें हैं तो इस जगह को देखने के लिए जरुर जाएं.

चीड़ के जंगल –
नेतरहाट में चीड़ के जंगल ऐसी जगह है जहाँ पर आप एडवेंचर ट्रेकिंग का भरपूर मजा ले सकते हैं. पाइन वन के माध्यम से ट्रेकिंग करना और यहां के प्राकृतिक नज़रों का आनंद लेना आपके लिए बेहद खास साबित हो सकता है. इस जगह मौसम ज्यादातर ठंडा रहता है जो शहर की तुलना में काफी सुखद महसूस कराता है. यह जगह कुछ साल पहले तक गवर्नर का स्थायी ग्रीष्मकालीन स्टेशन हुआ करता था.

Dr Rishikesh

Editor - Bharat Varta (National Monthly Magazine & Web Media Network)

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