राज्य विशेष

झारखंड में डायन प्रथा का जोर, डायन के संदेह में दंपति का मर्डर


Bharat varta desk:
झारखंड के आदिवासी समाज में डायन प्रथा एक धार्मिक सामाजिक कुरीति के रूप में जड़ जमाए हुए है। आए दिन डायन होने के संदेह में राज्य के विभिन्न हिस्सों में हत्या और प्रताड़ना की घटनाएं सामने आती रहती हैं।
ताजा मामला 22 अप्रैल का है। गुमला जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत भगत बुकमा गांव में शुक्रवार देर रात डायन बिसाही के संदेह में लूदरा चीक बड़ाईक (65) और उसकी पत्नी फूलमइत देवी ( 62) की कुल्हाड़ी से काट कर हत्या कर दी गई है। इस दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने के बाद देवरानी सुमित्रा देवी ने रात में ही कुल्हाड़ी लेकर चैनपुर थाना पहुंच पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
इसलिए उसने थाना जाकर आत्म समर्पण कर दिया।
जैसा कि अक्सर डायन प्रताड़ना की अन्य घटनाओं में देखने को मिलता है कि आरोपित सुमित्रा देवी की बेटी बीमार चल रही थी। सुमित्रा को शक था कि लूदरा चीक और उसकी पत्नी फूलमइत देवी ने उसकी बेटी के साथ जादू-टोना किया है। सुमित्रा ने पति- पत्नी को धमकाते हुए कहा कि वे उसकी बेटी को ठीक कर दें नहीं तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें। धमकी से भयभीत होकर पति -पत्नी ने ग्राम प्रधान से शिकायत किया और सुरक्षा की गुहार लगाई। इसके बाद ग्राम प्रधान ने दोनों पक्षों की गांव में बैठक बुलाई।

इस मामले को लेकर सुमित्रा ने पति-पत्नी को धमकाते हुए उसकी बच्ची को स्वस्थ करने को कहा था नहीं तो परिणाम भुगतने की धमकी दी थी। सुमित्रा की धमकी से परिवार भयभीत हो गया। ग्राम प्रधान से शिकायत की। जान की रक्षा की गुहार लगाई। मामले की गंभीरता को देखते हुए ग्राम प्रधान ने शुक्रवार को गांव में बैठक बुलाई। दोनों पक्षों को बैठक में बुलाया। लेकिन सुमित्रा के परिवार वाले ग्राम प्रधान से ही भिड़ गए और मारपीट पर उतारू हो गए। उसके बाद जब पंचायत में मामला नहीं सुलझा तब भयभीत पति -पत्नी चैनपुर थाना गए और जान बचाने की गुहार लगाई। पुलिस ने उन्हें अपना मोबाइल नंबर देते हुए कहा कि जब कोई बात हो तो सूचना दें। इसके बाद दंपती घर लौट आए। लेकिन रात में जब वह खाना खाकर सो रहे थे सुमित्रा के परिवार वाले घर में घुसे और दोनों की टांगी से काटकर हत्या कर दी।
यह घटना झारखंड में व्याप्त अंधविश्वास की प्रकाष्ठा का उदाहरण है। यह घटना यही बताती है कि झारखंड में स्वास्थ्य सुविधाएं आदिवासी गांव में सही ढंग से नहीं पहुंच पाई है। यदि ऐसा होता तो बीमार होने पर लोग सीधे दवा- दारू कराकर ठीक हो जाते ना कि झाड़-फूंक और डायन- बिसाही पर विश्वास करते।

Ravindra Nath Tiwari

तीन दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय। 17 साल हिंदुस्तान अखबार के साथ पत्रकारिता के बाद अब 'भारत वार्ता' में प्रधान संपादक।

Recent Posts

बिहार चुनाव से पहले RJD की परेशानी बढ़ी, IRCTC घोटाले में लालू-राबड़ी और तेजस्वी के खिलाफ आरोप तय

Bharat varta Desk लालू यादव एंड फैमिली को आईआरसीटीसी मामले में बड़ा झटका लगा है.… Read More

19 hours ago

2 साल बाद रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन जेल से बाहर

Bharat varta Desk रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत… Read More

4 days ago

सारंडा सैंक्चुअरी मामले में सुप्रीम कोर्ट से झारखंड सरकार को राहत

Bharat varta Desk सारंडा में वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी घोषित करने के मामले में झारखंड सरकार… Read More

5 days ago

डॉ. वीणा सिंह बनीं बिहार-झारखंड प्लास्टिक सर्जन एसोसिएशन की उपाध्यक्ष

वर्ष 2027 में संभालेंगी अध्यक्ष का पदभार Bharat Varta Desk : एम्स पटना के प्लास्टिक… Read More

6 days ago

आईजी ने सुसाइड किया

Bharat varta Desk हरियाणा पुलिस के आईजी वाई पूरन कुमार ने खुद को गोली मारकर… Read More

6 days ago