
रांची संवाददाता: छुटनी देवी वर्ष 1999 में डायन डायन कह कर गांव से निकाल दिया गया था. निकालने से पहले उन्हें तरह-तरह की प्रताड़ना दी गई थी. तब से वह अपने मायके में रह कर डायन के रूप में प्रताड़ित महिलाओं के पक्ष में काम कर रही हैं. जब भारत सरकार ने 25 जनवरी को छुटनी देवी को पद्मश्री सम्मान से नवाजने की घोषणा की तो पूरे झारखंड में खुशी की लहर दौड़ गई. छुटनी को मिले सम्मान से उन तमाम महिलाओं को ताकत मिली है जो महिलाओं के अधिकार के लिए संघर्ष कर रही हैं.
डायन प्रथा के खिलाफ चला रही अभियान: ससुराल में डायन प्रथा की शिकार हुई छुटनी देवी पिछले 25 वर्षों से सरायकेला के बीरबांस गांव में अपने मायके में रह इस अंधविश्वास और अमानवीय प्रथा के खिलाफ अभियान चला रही है. आज केवल बिहार और झारखंड ही नहीं बल्कि देश भर से डायन प्रथा की शिकार महिलाएं सहयोग लेने के लिए उनके पास पहुंच रही हैं.
प्रताड़ना से मिली प्रेरणा: जमशेदपुर स्थित छुटनी के ससुराल गम्हरिया के महताइनडीह के लोगों ने उन्हें डायन बता कर प्रताड़ित करना शुरू किया था. उन्हें परेशान करने का सिलसिला ससुराल के सदस्यों ने शुरू किया था. अंत में हालत यहां तक आ पहुंची कि उन्हें गंदा पिलाया गया और मारपीट कर गांव से निकाल दिया गया. अपने मायके में आकर छुटनी ने इस प्रताड़ना के खिलाफ महिलाओं के लिए काम करने को ठान लिया. आज उसकी टीम में दर्जनों महिलाएं शामिल हैं जिन्हें कभी डायन कह कर प्रताड़ित किया गया था. कहीं भी डायन प्रताड़ना की शिकायत मिलने पर ये महिलाएं पहुंचती हैं और सामाजिक रुप से पंचायती कर उसका हिफाजत करने की कोशिश करती है. ऐसा संभव नहीं होने पर वे मामले को पुलिस तक ले जाती हैं.
Bharat varta Desk बिहार के जाने-माने सर्जन डॉक्टर मृत्युंजय कुमार को कोलकाता में सम्मानित किया… Read More
Bharat varta Desk सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 18 दिसंबर 2025 को हुई बैठक में उड़ीसा… Read More
Bharat Varta Desk : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बरूराज स्थित पैतृक गांव कोटवा में… Read More
पटना : अपराध अनुसंधान को वैज्ञानिक और तेज़ बनाने की दिशा में बिहार सरकार ने… Read More
पटना : सांस्कृतिक संस्था नवगीतिका लोक रसधार द्वारा पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में भोजपुरी… Read More
Bharat varta Desk भाजपा बिहार में संगठनात्मक स्तर पर बड़ा और रणनीतिक बदलाव करते हुए… Read More