घरों में तुलसी के पौधे लगाइए, पूजा कीजिए निरोग रहेंगे, सुख – समृद्धि और शांति आएगी, जानिए कैसे …….
(तुलसी पूजन दिवस पर )
आज 25 दिसंबर है. यह दिन कई मायनों में खास है. इस दिन को गीता दिवस के साथ-साथ तुलसी पूजन दिवस के रूप में भी मनाते हैं. ईसाई धर्म वालों के लिए यह क्रिसमस डे है. यहां जाने-माने वैदिक तांत्रिक गुरु अचार्य शैलेश तिवारी बता रहे हैं
तुलसी पूजन का महत्व…. तुलसी एक पौधा ही नहीं हमारे जीवन के लिए एक वरदान है . इसलिए हिंदू धर्म में इसे परम पूजनीय माना गया है. जन्म से लेकर मृत्यु तक इसका महत्व है. हिंदू धर्म में मरने के पहले व्यक्ति के मुंह में तुलसी और गंगाजल डाला जाता है. धर्मशास्त्रों में कहा गया है कि घर में तुलसी का पौधा लगाने और उसकी पूजा करने से रोग नहीं आते हैं, परिवार में सुख और समृद्धि रहती है. पूजा करने वाला ऊर्जावान होता है. आंगन में तुलसी का पौधा रहने से उस घर का वातावरण पवित्र होता है. पौधे के सामने दीया जला कर पूजा करना शास्त्रों में मनोकामना पूरी करने वाला बताया गया है.
तुलसी के 8 नाम: वृंदा, वृंदावनी, विश्वपावनी, विश्वपूजिता, पुष्पसारा, नंदिनी, तुलसी और कृष्णजीवनी- ये तुलसी देवी के आठ नाम हैं.
ऐसी मान्यता है कि जो आदमी तुलसी की पूजा करके इन नामों का स्मरण करता है उसके बड़े से बड़े काम सिद्ध हो जाते हैं. भगवान को प्रिय भगवान विष्णु की कोई भी पूजा तुलसी के बिना पूरी नहीं होती. तुलसी को ‘हरिप्रिया’ भी कहा गया है. धर्मशास्त्रों में कहा गया है कि तुलसी लगाने से, पालने से, सींचने से, इसके दर्शन करने से, स्पर्श करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. कहते हैं कि भगवान शंकर ने भी तुलसी की महिमा बताते हुए कहा था ‘तुलसी का पत्ता, फूल, फल, मूल, शाखा, छाल, तना और मिट्टी आदि सभी पवित्र हैं.’तुलसी से प्रार्थना की जाती है कि ‘हे तुलसी! आप सम्पूर्ण सौभाग्यों को बढ़ाने वाली हैं, सदा आधि-व्याधि को मिटाती हैं, आपको नमस्कार है.’महाऔषधि, एंटी कैंसरसतुलसी को आयुर्वेद में अमृत बताया गया है. इसका प्रयोग महाऔषधि के रूप में किया जाता है. महौषधि बताया गया है.
तुलसी में रोगों को नाश करने की है क्षमता : यही नहीं इसमें कैंसर को खत्म करने की भी क्षमता है. यह एक बेहतरीन एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-एजिंग, एंटी-बैक्टेरियल, एंटी-सेप्टिक व एंटी-वायरल है. इसे फ्लू, बुखार, जुकाम, खांसी, मलेरिया, जोड़ों का दर्द, ब्लड प्रेशर, सिरदर्द, पायरिया, हाइपरटेंशन आदि रोगों में लाभकारी बताया गया है.