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‘आदिपुरुष’ के मेकर्स को हाईकोर्ट की फटकार, कहा- रामायण-कुरान जैसे धार्मिक ग्रंथों को बख्श दीजिए

Bharat varta desk:

‘आदिपुरुष’ रिलीज के बाद से ही लगातार विवादों में है। देश के हर हिस्से में इसका विरोध हो रहा है। आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए इस सिनेमा के निर्माता और सेंसर बोर्ड को कड़ी फटकार लगाई।
अधिवक्ता कुलदीप तिवारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ खंडपीठ ने सेंसर बोर्ड और फिल्म के मेकर्स से कहा है कि केवल रामायण ही नहीं बल्कि कुरान, गुरू ग्रंथ साहिब और गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों तो कम से कम बख्श दीजिए ।जस्टिस राजेश सिंह चौहान और जस्टिस श्रीप्रकाश सिंह की बेंच ने पूछा है कि नई पीढ़ी को क्या संदेश देना चाहते हैं। कोर्ट ने सेंसर बोर्ड की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अश्विनी सिंह से पूछा कि सेंसर बोर्ड क्या करता है? सिनेमा समाज का दर्पण होता है। क्या सेंसर बोर्ड को अपनी जिम्मेदारियां नहीं पता है? फिल्म निर्माता और अन्य प्रतिभागियों के कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की।

कुलदीप तिवारी की याचिका, फिर 27 को सुनवाई

इस मामले की सुनवाई कोर्ट फिर 27 जून को करेगा। याचिकाकर्ता कुलदीप तिवारी की ओर से अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने भी बहस में भाग लिया।

बता दें कि आदिपुरुष के कई संवादों पर दर्शकों ने कड़ी आपत्ति जताई थी। रामायण पर आधारित इस फिल्म में हनुमान जी का मजाक उड़ाया गया है। उनकी छवि को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है। इसके संवाद अत्यंत ही घटिया हैं। देवी देवताओं की वेशभूषा आपत्तिजनक हैं। फिल्म को लेकर बढ़ता विरोध देख मेकर्स ने इसके संवाद बदल दिए हैं। हालांकि, इससे भी कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है। बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म धराशायी हो चुकी है।

इस फिल्म का डायलॉग लिखने वाले मनोज मुंतशिर शुक्ला भी लोगों के निशाने पर हैं। अरब के देशों में शेरो शायरी करके पैसा कमाने वाले मनोज ने कुछ साल पहले अपना नाम मनोज शुक्ला से मनोज मुंतशिर कर लिया था लेकिन जब बाद में केंद्र में सरकार बनी तो उन्होंने अपना नाम फिर से मनोज शुक्ला कर लिया। देशभर में इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है मगर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय इस पर मौन है। आश्चर्य की बात यह भी है कि मनोज मुंतशिर को मंत्रालय ने गोवा में घूमने वाले अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह का सदस्य भी न्यू कर दिया।

Ravindra Nath Tiwari

तीन दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय। 17 साल हिंदुस्तान अखबार के साथ पत्रकारिता के बाद अब 'भारत वार्ता' में प्रधान संपादक।

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