सरकार ने संविदाकर्मियों के जख्म पर लगाया मरहम
पटना संवाददाता: दो दिन पहले बिहार सरकार ने संविदा कर्मियों के लिए जारी नई गाइडलाइन में कहा था कि एक नोटिस और एक महीना का वेतन देकर संविदाकर्मियों को कभी भी हटाया जा सकता है. वे सरकारी कर्मी नहीं माने जाएंगे. इसके साथ और भी कई व्यवस्थाएं की गई थी जिनका जबरदस्त विरोध शुरू हो गया. इसके बाद सरकार ने संविदा कर्मियों के जख्म पर मरहम लगाने की कोशिश की है. रविवार को सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से प्रेस रिलीज जारी कर सफाई दी गई और कई ऐसी बातें कही गई जिससे संविदाकर्मी राहत महसूस करें.
प्रेस रिलीज के अनुसार के संविदाकर्मियों के मानदेय का प्रत्येक साल पुनरीक्षण होगा. विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित कमिटी क्या काम करेगी . पहले से संविदाकर्मियों को मिल रही सुविधाओं में कोई कटौती नहीं होगी. आगे संविदा पर नियुक्त होने वाले कर्मचारियों को और कई नई सुविधा दी जाएगी.
सामान्य प्रशासन विभाग का दावा है कि आगे संविदा पर नियुक्त होने वालों को उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसा ओं का लाभ मिले इसके लिए ही पुरानी नियमावली में संशोधन करते हुए 22 जनवरी 2021 को नए संकल्प जारी किए गए है. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी रिलीज में यह भी कहा गया है कि संशोधित संकल्प में सेवानिवृत्ति की तिथि या नियमित नियुक्ति होने तक संविदा कर्मी बने रहेंगे. उन्हें अवकाश, प्रत्येक वर्ष मानदेय पुनरीक्षण, अनुग्रह अनुदान, सेवा अभिलेख रखना, यात्रा व्यय, अपील का प्रावधान, कर्मचारी, भविष्य निधि, कर्मचारी राज्य बीमा, कार्य का वार्षिक मूल्यांकन और सभी कई प्रकार की सुविधाएं दी जाएंगी. कुल मिलाकर रिलीज में संविदा कर्मियों के संबंध में जारी नई गाइडलाइन की बातों को ही अच्छे ढंग से परोसा गया है.