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शंकर नेत्रालय चेन्नई के संस्थापक डाक्टर एसएस बद्रीनाथ नहीं रहे। 24 फरवरी 1940 को जन्मे डा. बद्रीनाथ ने लाखों लोगों के आंखों को रोशनी दी थी। पूरे देश और विदेशों से भी लोग उनके पास इलाज के लिए जाते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूरदर्शी नेत्र रोग विशेषज्ञ और शंकर नेत्रालय के संस्थापक डॉ. एसएस बद्रीनाथ के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
बचपन की बीमारी के कारण 7 साल की उम्र में देर से अपनी शिक्षा शुरू करने वाले बद्रीनाथ ने पीएस हाई स्कूल, मायलापुर और श्री रामकृष्ण मिशन हाई स्कूल, चेन्नई में पढ़ाई की। उन्होंने 1955 और 1957 के बीच लोयोला कॉलेज में अपनी कॉलेजिएट पढ़ाई पूरी की।
बद्रीनाथ ने 1963 में मद्रास मेडिकल कॉलेज, मद्रास से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने अपनी इंटर्नशिप और ग्लासलैंड्स अस्पताल, न्यूयॉर्क में एक वर्ष की आंतरिक चिकित्सा रेजीडेंसी की।
न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के मेडिकल स्कूल में नेत्र विज्ञान में बुनियादी विज्ञान की पढ़ाई के बाद, उन्होंने ब्रुकलिन आई एंड ईयर इन्फर्मरी, न्यूयॉर्क में नेत्र विज्ञान में अपना निवास किया और मैसाचुसेट्स आई एंड ईयर इन्फर्मरी की रेटिना सेवा में चार्ल्स शेपेंस के साथ फेलोशिप की।
वह नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज के निर्वाचित फेलो थे। उन्हें पद्मश्री, पद्म विभूषण और डॉ बी सी राय पुरस्कार समेत सम्मान मिले थे।
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