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भागलपुर में प्रधानमंत्री बोले -जो लोग पशुओं का चारा खा सकते हैं, वो स्थितियां नहीं बदल सकते…

Bharat varta Desk

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार के भागलपुर में किसान सम्मान समारोह के मंच से पीएम किसान योजना की 19वीं किस्त जारी की. साथ ही कई अन्य विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया.पीएम मोदी ने कहा, मैंने लाल किले से कहा है कि विकसित भारत के चार मजबूत स्तंभ हैं. इसमें गरीब, किसान, युवा और महिलाएं ये स्तंभ हैं. किसान कल्याण एनडीए सरकार की प्राथमिकता है. पहले किसानों की क्या स्थिति थी, ये सब जानते हैं. जो लोग पशुओं का चारा खा सकते हैं, वो स्थितियों को नहीं बदल सकते. आज किसानों को पर्याप्त खाद मिलती है. कोरोना के महासंकट में भी खाद की कमी नहीं होने दी.

मोदी-नीतीश आपका हक किसी को नहीं खाने देंगे


प्रधानमंत्री ने कहा, पहले किसानों के हक का पैसा बिचौलिए हड़प लेते थे. मगर, मोदी और नीतीश आपका हक किसी को नहीं खाने देंगे. आज किसानों का हक सीधे उनके खाते में दिया जा रहा है. ये काम कोई भ्रष्टाचारी नहीं कर सकता. कांग्रेस हो, जंगल राज वाले हों, इनके लिए किसानों की तकलीफ मायने नहीं रखती. पहले जब बाढ़ आती थी और सूखा पड़ता था तब ये लोग किसानों को अपने हाल पर छोड़ देते थे. 2014 में जब आपने एनडीए को आशीर्वाद दिया तो मैंने कहा, ऐसा नहीं चलेगा. सरकार ने ‘पीएम फसल बीमा योजना’ बनाई. इस योजना के तहत पौने दो लाख करोड़ रुपये का क्लेम किसानों को आपदा के समय मिल चुका है.

मैं 365 दिन में 300 दिन मखाना जरूर खाता हूं

उन्होंने बिहार में उपजने वाले मखाना का भी जिक्र किया. उन्होंने इसे सुपर फूड बताया. उन्होंने कहा, “आपका मखाना आज देश ही नहीं पूरे विश्व में फेमस है. मैं भी 365 में से 300 दिन तो जरुर मखाना खाता हूं. बीते वर्षों में सरकार के प्रयासों से भारत का कृषि निर्यात बहुत अधिक बढ़ा है. इससे किसानों को उनकी उपज की ज्यादा कीमत मिलने लगी है. कई कृषि उत्पाद ऐसे हैं, जिनका पहली बार निर्यात शुरू हुआ है. अब बारी बिहार के मखाने की है. इस वर्ष के बजट में मखाना किसानों के लिए मखाना बोर्ड बनाने का ऐलान किया गया है.”

नीतीश बोले -तब शाम के बाद लोग घर से नहीं निकलते थे

इससे पहले अपने संबोधन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि जब हम 24 नवंबर 2005 में पहली बार सरकार में आए थे तब शाम के बाद कोई घर से बाहर नहीं निकलता था. बुरा हाल था. समाज में बहुत विवाद थे. पढ़ाई और इलाज का हाल बेहाल था. राज्य की राजधानी पटना में केवल 8 घंटे बिजली आती थी. उसके बाद हमने कितना काम किया. अब किसी तरह का डर नहीं है. राज्य में प्रेम भाईचारा शांति का माहौल है. सभी क्षेत्रों में काम हो रहा है.

Ravindra Nath Tiwari

तीन दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय। 17 साल हिंदुस्तान अखबार के साथ पत्रकारिता के बाद अब 'भारत वार्ता' में प्रधान संपादक।

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