नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सैयद शाहनवाज हुसैन की याचिका खारिज कर दी जिसने कथित 2018 बलात्कार मामले के संबंध में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।
बलात्कार के आरोप में एफआईआर दर्ज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर लगी अब रोक हट गई।
शाहनवाज का कहना था कि शिकायतकर्ता ने उनकी छवि खराब करने और ब्लैकमेल करने के लिए आरोप लगाए थे। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि आप दूसरे कानूनी विकल्प अपनाएं। हम राहत नहीं दे सकते।
बता दें कि पिछले साल दिल्ली उच्च न्यायालय ने आरोप लगाने वाली महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया था कि दिल्ली पुलिस शाहनवाज के खिलाफ रेप का केस दर्ज कर कार्रवाई करे। उच्च न्यायालय के इसी फैसले के खिलाफ शाहनवाज हुसैन उच्चतम गये थे।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल 2022 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ रेप का एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिया था। शाहनवाज पर 2018 में ही एक महिला ने रेप का आरोप लगाया था। महिला ने जून 2018 को पहली बार शिकायत दर्ज करायी थी। चार साल बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था।
महिला उसने आरोप लगाया था कि बीजेपी नेता ने 2018 के अप्रैल में उसे अपने छतरपुर स्थित फार्महाउस पर बुलाया था। वहां कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिला दिया, जिससे वह अचेत हो गयी। महिला ने आरोप लगाया था कि नशे की हालत में उसके साथ दुष्कर्म किया गया था।
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