
Bharat varta desk
बांग्लादेश में 105 लोग मारे मारे जा चुके हैं। बढ़ती हिंसा से निपटने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय कर्फ्यू घोषित कर दिया है । बड़ी संख्या में सेना के जवानों को तैनात किया गया है। वहीं बांग्लादेश में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के छात्र और कामगारों के भी फंसे होने की खबर है। मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने कहा कि बांग्लादेश में फंसे 8,500 भारतीय छात्रों में से अब तक 405 को निकाला जा चुका है। आंदोलनकारी बांग्लादेश में कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं, जिसके तहत 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ देश की आजादी की लड़ाई में लड़ने वाले दिग्गजों के परिजनों को 30% आरक्षण दिया जाता था। उनका मानना है कि कोटा प्रणाली भेदभावपूर्ण है और हसीना के समर्थकों को लाभ पहुंचाती है, जिनकी अवामी लीग पार्टी ने स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया था। वे इसके बजाय योग्यता आधारित प्रणाली चाहते हैं।इस बीच, 19 जुलाई को प्रदर्शनकारियों ने मध्य बांग्लादेश के नरसिंगडी जिले की एक जेल से कई सारे कैदियों को मुक्त कर दिया और फिर जेल की इमारत में आग लगा दी।
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