नेपाली भूमि पर चीन का कब्जा ड्रैगन के खिलाफ सड़कों पर उतरे हजारों नेपाली नागरिक
काठमांडू: नेपाल की भूमि पर चीन द्वारा कब्जा किए जाने के बाद राजधानी काठमांडू में हजारों लोगों ने चीन के खिलाफ जम कर प्रदर्शन किया। काठमांडू में स्थित चीनी दूतावास के सामने बुधवार दोपहर को लोगों ने जमकर नारेबाजी की।
नेपाली मीडिया के अनुसार, लोगों ने यह विरोध प्रदर्शन हुमला जिले के पश्चिमी-उत्तरी हिस्से में चीन द्वारा नेपाली क्षेत्र के अतिक्रमण के खिलाफ किया। युवाओं सहित कई प्रदर्शनकारियों ने अतिक्रमण के खिलाफ नारे लगाए और चीन से नेपाल के क्षेत्र को तुरंत छोड़ने और द्विपक्षीय सीमा संधि का सम्मान करने की मांग की।
चीन को वापस जाने के नारे लगे
नेपाली मीडिया के मुताबिक, नारे लगा रहे प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां थाम रखी थी, जिनमें “चीन गो बैक” के नारे लिखे थे।
इन प्रदर्शनकारियों ने नेपाल और चीन के बीच 2 सीमा बिंदुओं को फिर से खोलने की मांग भी की, जिन्हें 10 महीने पहले बंद कर दिया गया था। सिंधुपालचोक जिले के तातोपानी और रसुवा जिले के रसुवागढ़ी को बंद कर दिया गया है, जिसके कारण चीन से आने वाले अरबों रुपये के आयातित माल और सामान वहीं अटक गए हैं।
अपनी ही भूमि में प्रवेश पर लगी रोक
नेपाली मीडिया ने बुधवार को व्यापक रूप से नेपाल क्षेत्र के दूरदराज के इलाके में चीनी सुरक्षाबलों द्वारा 11 सीमेंटेड बिल्डिंग के निर्माण की खबर प्रस्तुत की। हालांकि, चीनी दूतावास ने कहा कि उन इमारतों के चीन-नेपाल सीमा के चीनी क्षेत्र में होने की पुष्टि की गई है और नेपाल पक्ष से उसकी स्थिति को फिर से स्पष्ट करने के लिए कहा गया है।
बताते चलें कि नेपाल के हुमला जिले में सीमा स्तम्भ से 2 किलोमीटर भीतर स्थित नेपाली जमीन कब्जा करके चीन के सैनिकों ने 9 भवनों का निर्माण किया है। इन इलाकों में अब नेपाल के नागरिकों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध है ।और इस तरह वे अपने ही देश की जमीन पर नहीं जा सकते। इसी को लेकर आज विरोध प्रदर्शन हुआ और आगे यह विरोध प्रदर्शन और तेज होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।