Bharat varta desk:
झारखंड हाई कोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ दायर एक मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि आज से प्रमोशन में आरक्षण झारखंड सरकार नहीं दे सकती है। जब तक की झारखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट के जरनैल सिंह जजमेंट 1, 2 एवं एम. नागराज के केस में दिए गए दिशा-निर्देश के आलोक में नयी नियमावली नहीं बनाती।
एक्टिंग चीफ जस्टिस एस. चंद्रशेखर और जस्टिस नवनीत कुमार की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया था कि झारखंड सरकार का 31 मार्च 2003 का संकल्प गलत है क्योंकि इसमें सुप्रीम कोर्ट के एम. नागराज जजमेंट एवं जरनैल सिंह जजमेंट में जो गाइडलाइन दिया गया था उसका पालन नहीं किया गया है। अदालत ने 2003 से लंबित इस याचिका को मंगलवार को निष्पादित कर दिया।
अपने फैसले में अदालत ने कहा है कि झारखंड सरकार का 31 मार्च 2003 का संकल्प अब प्रभावी नहीं होगा। जब तक नियमावली, गाइडलाइन, एग्जिक्यूटिव इंस्ट्रक्शन सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट एम. नागराज एवं जनरैल सिंह जजमेंट 1 व 2 के आलोक में नहीं लाए जाते।
वर्ष 2003 में राज्य सरकार ने सड़क निर्माण विभाग में पदस्थापित एसटी-एसटी कैटगरी के जूनियर इंजीनियर को असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर प्रमोशन दिया था। जबकि सामान्य जाति को इसका लाभ नहीं मिला था। सरकार के इस आरक्षण -प्रमोशन के विरोध में झारखंड हाई कोर्ट में रघुवंश प्रसाद सिंह, जय किशोर दत्ता, गणेश प्रसाद समेत 37 से अधिक लोगों ने अगल-अलग समय में रिट याचिका दाखिल की थी। यह फैसला 21 साल बाद आया है।
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