पॉलिटिक्स

गंगा किनारे अध्ययन प्रवास पर गोविंदाचार्य, पटना के बाद अब 28 को भागलपुर में करेंगे गंगा पूजन एवं संवाद

पटना। करीब 20 वर्ष पूर्व सक्रिय राजनीति से संन्यास ले चुके के. एन. गोविंदाचार्य 9 सितंबर से कोरोना सम्बंधित वर्जनाओं एवं विधि निषेधों का पालन करते हुए गंगा के किनारे अध्ययन प्रवास पर निकले हुए हैं। वे 9 सितंबर से 2 अक्टूबर तक देवप्रयाग से गंगासागर तक की अध्ययन प्रवास यात्रा पर हैं। अध्ययन प्रवास यात्रा के दौरान गोविंदाचार्य 24 सितंबर को पटना पहुंचे। इस दौरान वे 26 सितंबर तक पटना में कई स्थानों पर जन संवाद किया। वे 28 सितंबर को भागलपुर पहुंचेंगे। भागलपुर में गोविंदाचार्य के निकटतम डॉ. सुरेन्द्र नाथ तिवारी ने बताया कि भागलपुर प्रवास के दौरान वे 28 सितंबर को सुबह 8 बजे से बरारी सीढ़ी घाट पर गंगा पूजन करेंगे एवं अपराह्न 12 बजे से आंनदराम सरस्वती शिशु मंदिर में जनसंवाद कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। रात्रि विश्राम डॉ. सुरेन्द्र के साहिबगंज स्थित आवास पर करेंगे।

राजनीति से संन्यास लेने के बाद गोविंदाचार्य आज सामाजिक कार्यों में अत्यंत सक्रिय हैं। राष्ट्रीय स्वाभिमान परिषद, हरित भारत अभियान, भारत विकास संगम, कौटिल्य संस्थान, सेंट्रल फॉर पॉलिसी स्टडीज आदि के माध्यम से वे पूरे भारत में काम कर रहे हैं। राजनीति से छुट्टी लेने के बाद उन्होंने चार घोषणाएं की थीं। जीवन भर संघ के स्वयंसेवक बने रहेंगे। एकात्म मानववाद में आस्था यथावत रहेगी। किसी भी राजनीतिक दल के कार्यकर्ता कभी भी नहीं बनेंगे। चौथा संकल्प था कि बौद्धिक रचनात्मक आंदोलनात्मक तरीकों से देश के लिए सक्रिय रहेंगे। इन सब कार्यों के बीच वे देश के ज्वलंत विषयों पर अपनी सुस्पष्ट राय रखने से भी नहीं चूकते।

अध्ययन प्रवास की जानकारी देते हुए गोविंदाचार्य ने बताया कि मैंने आज से 20 साल पहले 9 सितंबर 2000 को अध्ययन अवकाश लिया था। तब मैं संघ का प्रचारक एवं भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव था। उस समय देश और दुनिया आर्थिक करारों के दौर से गुजर रही थी। इसी का एक मंथन चला। तब एनडीए के सरकार में अटल जी प्रधानमंत्री थे। जब विचार शुरू हुआ तो इसके परिणाम स्वरूप जो स्थितियां बनी तो मैंने अध्ययन अवकाश का निर्णय लिया। उन्होंने बताया कि इस 9 सितंबर को मेरे अवकाश के 20 साल पूरे हो गए और इन 20 सालों में मैंने अवलोकन, विमर्श एवं क्रियान्वयन का कार्य किया है। मुझे अपने 20 साल के कार्यकाल पर बहुत संतोष एवं गर्व है।

गोविंदाचार्य ने आगे बताया कि मैं 9 सितंबर से 2 अक्टूबर गांधी जयंती तक कोरोना संबंधित सभी वर्जनाओं एवं विधि निषेधों का पालन करते हुए गंगा के किनारे प्रवास करते हुए आत्म चिंतन करके अपने निष्कर्ष को आम जन के समक्ष साझा करने की यात्रा पर निकला हूं। उन्होंने कहा कि राजनीति में सत्ता या संगठन में मेरी रुचि 20 साल पहले समाप्त हो गई है। भारत की असली ताकत है यहां की प्रकृति, यहां का पर्यावरण, यहां के लोगों के मूल स्वभाव तथा भारत के अपने संसाधन। यही भारत की ताकत है। गैर-राजनीतिक तरीके से भी समाजसत्ता के सामर्थ्य से अपना देश खड़ा हो सकता है। मैं ऐसा विश्वास करता हूं तथा अपने इसी विश्वास का अनुसरण करूंगा।

गोविंदाचार्य ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि मेरे प्रिय मित्र नरेंद्र मोदी जी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ की घोषणा की है। वह स्वंय अपने निजी एवं राजनीतिक जीवन में भारत की व्यवस्थाओं को ठीक से समझ चुके हैं। मैं ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए उनकी सफलता की कामना करता हूं।

Dr Rishikesh

Editor - Bharat Varta (National Monthly Magazine & Web Media Network)

Recent Posts

राहुल गांधी के समक्ष ललन कुमार ने सुल्तानगंज और कहलगांव के ‘बहुरूपियों’ का मुद्दा उठाया

Bharat varta Desk आज कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के समक्ष सुल्तानगंज से कांग्रेस उम्मीदवार… Read More

3 days ago

तदाशा मिश्रा झारखंड पुलिस की प्रभारी डीजीपी नियुक्त

Bharat varta desk झारखंड कैडर के 1994 बैच की आईपीएस तदाशा मिश्रा को झारखंड का… Read More

4 days ago

अदिति मिश्रा जेएनयू छात्र संघ की नई प्रेसिडेंट, वामपंथी छात्र संगठन ने झंडा लहराया

Bharat varta Desk जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (JNUSU) चुनाव परिणाम घोषित हो चुका है।… Read More

4 days ago

बिहार में बंपर वोटिंग, 64.66 फ़ीसदी वोट गिरे, 25 सालों का रिकॉर्ड टूटा

Bharat varta Desk बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 18 जिलों की 121 विधानसभा… Read More

4 days ago

पहले चरण की वोटिंग, इन सीटों पर है सबकी नजर

Bharat varta Desk बिहार में आज विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के लिए मतदान… Read More

4 days ago

पहले चरण का प्रचार थमा, 6 नवंबर को 121 सीटों पर वोटिंग

Bharat varat Desk बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का प्रचार समाप्त हो गया… Read More

6 days ago