आज के ही दिन 1954 में शुरू हुआ था भारत रत्न. जानिए भारत के सर्वोच्च सम्मान के बारे में…..
गौरव दुबे की रिपोर्ट
भारतरत्न देश का सर्वोच्च सम्मान है जो कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए दिया जाता है. इसकी स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने की थी. पहले मरणोपरांत यह सम्मान देने का नियम नहीं था. वर्ष 1955 में इसे जोड़ा गया. 1 साल में अधिकतम तीन व्यक्तियों को भारत रत्न दिया जा सकता है. इस सम्मान के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को नाम भेजते हैं. राष्ट्रपति नामों के संबंध में अंतिम फैसला लेते हैं. 26 जनवरी को यह सम्मान राष्ट्रपति प्रदान करते हैं.
पहले मूल रूप में इस सम्मान के पदक का डिजाइन 35 मिमी गोलाकार स्वर्ण मैडल था जिसमें सामने सूर्य बना था, ऊपर हिन्दी में भारत रत्न लिखा था और नीचे पुष्पहार था और पीछे राष्ट्रीय चिह्न और ध्येय वाक्य (मोटो) लिखा होता था. बाद में इस पदक के डिज़ाइन को बदल कर तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लेटिनम का चमकता सूर्य बना दिया गया. इसके नीचे चांदी में लिखा रहता है- ‘भारत रत्न’ और यह सफ़ेद फीते के साथ गले में पहना जाता है. इस सम्मान के साथ कोई राशि नहीं मिलती है. शिल्पी और बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलती है. प्ले सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होने का निमंत्रण मिलता है. सरकार वॉरंट ऑफ़ प्रिसिडेंस में उन्हें जगह देती है.
सबसे पहले किनको मिला सम्मान: 1954 में सबसे पहले तीन विशिष्ट लोगों को भारत रत्न दिया गया था- सी राजगोपालाचारी, डॉ राधाकृष्णन और प्रख्यात वैज्ञानिक सीवी रमन, सी वी रमन को 1930 में नोबेल पुरस्कार भी मिल चुका था.
तीन बाहरी लोगों को मिला है सम्मान: यह सम्मान भारतीय नागरिक बन चुकी एग्नेस गोंखा बोजाखियू, जो मदर टेरेसा के नाम से प्रसिद्ध हुई को दिया गया था. खान अब्दुल गफ्फार खान और नेल्सन मंडेला को वर्ष 2009 में इस सम्मान से नवाजा गया था.
प्रमुख लोग जिन्हें पुरस्कार मिला है: सर डॉ.मोक्षगुंडम, पंडित जवाहर लाल नेहरू, गोविंद बल्लभ पंत, डॉ. बिधन चंद्र रॉय,डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. जाकिर हुसैन, 1966 लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, आचार्य विनोबा भावे, खान अब्दुल गफ्फार खान, डॉ भीमराव आंबेडकर, राजीव गांधी, सरदाल वल्लभ भाई पटेल, मोराजी देसाई, मौलाना अबुल कलाम आजाद, जे.आर.डी. टाटा, सत्यजीत राय, गुलजारी लाल नंदा, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, जय प्रकाश नरायण, पंडित रवि शंकर, अमत्र्य सेन, लता मंगेशकर, उस्ताद बिस्मिल्ला खां, अटल बिहारी वाजपेयी, मदन मोहन मालवीय, प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका, नानाजी देशमुख.